motivational thoughts / 2nd book introduction


परिचय

नमस्कार मित्रों,

मैं कवितारानी अपने लेखन कार्य से जुङी हुई हूँ । मैं अपने कार्य के प्रति सजगता रखने का भरपुर प्रयास

करती हूँ, फिर भी मानवीय प्रवृति है कि कोई त्रुटि रह जाती है। ऐसी किसी भी गलती से अनभिज्ञ में एक

सजग कवियित्री होने के नाते आपसे पूर्व में ही क्षमा चाहूँगी।

मेरी कविताऐं स्वप्रेरित है, इन्हें कहीं से किसी भी प्रकार से नहीं लिया गया है। इनके प्रकाशन की समस्त जिम्मेदारी और अधिकार मेरा स्वयं का है। मेरी कोशिश व आकांक्षा है कि मेरे एकान्त में जीये हुए लम्हों को मे दुनिया के सामने सबकी अनुभूति के लिए रखुँ। 

जैसा कि हम सब जानते है कि आज के सोशल साइट के जमाने में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वो किसी पुस्तक को अपने संवेगों को जगाने और स्वप्रेरणा के लिये पढ़े, परन्तु ऐसा भी ज्ञात नहीं होता है कि अब कोई पाठक बचे ही ना हो। जैसा की हमने देखा कि आपने हमारी पहली पुस्तक (प्रेम एक चाहत) को भरपुर स्नेह दिया।

इस बार मैं कवितारानी और मेरे पतिदेव रविकान्त चीता आपके लिए लेकर आये हैं बहुत ही प्यारी, मनमोहक, प्रेरणास्पद कवितायें। 

इस पुस्तक में हमने हमारी हस्तलिखित कविताओं के केवल प्रेरणादायक हिस्सों को ही प्रकाशित करवाया है। हमारा प्रयास रहा है कि शब्दों का चयन बहुत ही मार्मिक और प्रेरित करने वाला हो। हमारी कोशिश यही है  कि हम हर पथिक को जो अपनी मंजिल को पाने को लालायित है, जो अपनी मंजिल के बहुत पास होकर हताश महसुस करने लगता है, जो हमेशा आगे बढ़ने की सोंचता है उसकी ऊर्जा को हम और बढ़ायें। हम किसी के टुटते सपने को शब्दों से संजोये और होसंला दे।

कविताऐं मानव मन को स्पर्श करती है। हमें पुरी उम्मीद है कि हमारी ये कविताऐं आपको नयी प्रेरणा देगी। इन्हें पढ़ने के बाद आप जरुर ऊर्जावान महसुस करेंगे। 

हमारी इस प्रेरणादायक कविताओं के संग्रह की पुस्तक का नाम, पथिक पुराना है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह एक मनोवैज्ञानिक अनुभव को बताती होगी। आपको इन कविताओं में हर बात आपके जीवन से जुङी हुई लगेगी।



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

फिर से | Fir se

सोनिया | Soniya

तुम मिली नहीं | Tum mili nhi