फिर बात पुरानी / phir bat purani
फिर बात पुरानी
फिर बात पुरानी,
आँखों की कहानी,
फिर सागर आया,
तुफान वही,
जानें क्यों फिर से,
सैलाब आया,
आँखों में मेरे,
क्यों नीर ना माया,
फिर बात वही है,
ख्वाब वही,
सपनों में भी वो,
लङकी हसीन,
की जग जग घुमुं,
उसको ढुढुँ,
हर शाम सुहानी,
होगी वो लङकी दिवानी,
होगी वो संग मेरे,
उसकी कहानी,
फिर बात पुरानी,
सुनों मेरी जुबानी,
सपनें वही है,
और वही है पानी,
जाने कब कहाँ वो,
मेरा हो गया,
दिल जिगर में,
उसका घर हो गया,
जाने कब वो मेरी,
रुह में समाया,
फिर बात पुरानी,
आँखों की जुबानी,
ना में मिल पाया,
ना वो मिल पायी,
जग जग घूम रहा,
फिर घुम रहा,
फिर घुम रहा,
बात वही है,
बस आँखों में पानी,
यार हसीन है,
होंठो पर मनाही,
जग बिसरा हुँ,
अकेले में रोता हूँ,
कहीं जग जाये,
उसकी आँखों का पानी,
तो दुर हुआ,
भुल गया,
सपनों में उसके खो मैं गया,
फिर बात पुरानी,
आँखों की जुबानी,
कह रहा फिर से,
मेरी आँखों का पानी,
मेरी आँखों का पानी...
- कवितारानी।

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