कुछ लोग मिलते हैं, यादों में छा जाते है / kuchh log milate hai, yadon mein chha jate hai



कुछ लोग मिलते हैं यादों में छा जाते हैं ।


स्व हित, स्व पीङा पर सब ध्यान रखते हैं ।

पर हित, पर पीङा पर बस फबतियाँ कसते हैं ।

स्व विवेक, स्व ज्ञान बस स्वार्थ तक जग चलता है ।

पर ज्ञान, पर प्रगति जग बस जलता है ।।


निस्स्वार्थ भाव कर्म पथ पर दुर्लभ जन मिलते हैं ।

ज्ञान गाथा पर बखान छोङ कुछ कर दिखलाते हैं ।

ऐसे ही जीवन सफर में कुछ लोग विरले ही मिलते हैं ।

जैसे आप मिले वैसे मिलकर यादों में छा जाते हैं ।।


होङ छोङ बाधाओं को मोङ समय से लोहा लेते हैं ।

कर्म पथ पर चलकर महान त्याग को महत्व देते हैं ।

अन्तर्मन में ज्ञान समेट जगह को भाव देते हैं ।

वीरों से द्वंद्व कर मुरखों को जवाब से चित्त कर देते हैं ।।


कोमल भाव, दृढ़ता और निश्चय का व्यक्तित्व रखते हैं ।

विकट मोङ, दुविधा और परेशानी में वो साहस रखते हैं ।

कुछ लोग ही जीवन सफर में ऐसे आ मिलते हैं ।

जैसे आप मिले इस कर्म पथ पर वैसे लोग यादों में रहते हैं ।।


परोपकार कर सहज भाव से मित्रवत् रहते हैं ।

अनजान जगह अनजान बन देवदूत से खिलते हैं ।

अनदेखे किस्से सुना अनसुने को सुनाते हैं ।

दूर दुविधा कर हर जगह नये किस्सों को हिस्सा बनाते हैं ।।


विरले ही आ मिलते कुछ जग के सितारे है ।

मुश्किलों को आसान करते वो जग के प्यारे हैं ।

आशीष आपको जो जग में चाहो मिले आपको ।

शुभाशीष आपको ईश्वर का आशीर्वाद आपको ।।


-कवितारानी।




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