माटी के लाल
माटी के लाल
ऐ माटी के लाल, माटी के लाल।
सुन ले कहे क्या, कहती क्या माँ।।
है दर्द सीने में, है बाजु लाल।
है माटी के लाल, माटी के लाल।।
जंग ना करना, ना जंग लगे लाल।
धार बना तेज, तेज करले प्रकाश।
देख जिसे बैरी भागे छोङ अपने भाल।
शाश्त्र उठा ले, कांधे रख ले शा्ॅल।
है माटी के लाल।।
- कविता रानी।
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