मैं वापस आऊँगा।
मैं वापस आऊगाँ
बात छोटी सी है भले।
पर बात दिल पर लगी हैं।।
माँगा अपने हक का था।
वो कागज ना देना ईमान पर ठगी है।।
मेरी मेहनत, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा
को धक्का लगा है।
जो कर रहा हूँ मैं मेहनत,
उस पर ये पहरा सा लगा है।
जा रहा हूँ यहाँ से मैं।
पर एक अधिकारी बन कर आऊँगा।
कोई भूल जाये मुझे भले।
मैं ना भूल पाऊगाँ।
इन ठगी और लापरवाह लोगों को,
सबक सिखाऊँगा।
ये मिले ना मिले,
ये रहे या ना रहे।
पर जो दिखेगा इन जैसा,
उन्हें बताऊँगा।
मैं वापस आऊँगा।
मैं वापत आऊँगा।।
- kavitarani1
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