याद रहेगा
याद रहेगा (memories of mount abu)रहकर यहाँ प्रकृति को जाना।नये ढंग में जीवन को पहचाना।भूलना फितरत है इंसान की पता है ये।पर याद रहेगा यहाँ का जमाना।मेरे जीवन का एक साल दिया है।अनमोल मेरे लम्हों को मैंने जीया है।हाँ! मुझे यहाँ की आबो हवा भायी है।मुस्कुराते चेहरे ओर ना समझ आने वाली बोली भायी है।कुछ छुट गया वो जो मेरा नहीं है।भूल गया वो जो दर्द भरा है।याद रहेगा हॅसी,ठिठोली का समा।यहाँ की हसीन वादियाँ।आबु पर्वत की देखी छवियाँ।पहनावा यहाँ का और बोलीयाँ।याद रहेगा यहाँ बिताया हर लम्हा।
-kavitarani1
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