बदलाव चाहिए / badlav chahiye



जीवन एक बहता दरिया है, इसमें कहीं पर्वत है तो कहीं, मैदान है। यही परिवर्तन जीवन को नई राह और अनुभव देता है। जिसे बदलाव नहीं चाहिए उसका जीवन रंगहीन है।

बदलाव चाहिए 


कई दिन हो गये यहाँ रूके हुए।

अब नई जगह चाहिए। 

जाना कहाँ ना पता,पर यहाँ से जाना है। ।


खोज नई,चाह नई,राह नई चाहिए। 

पुराने से लगने लगे लोगों से राहत चाहिए। 

हो गये कई दिन यहाँ, अब बदलाव चाहिए। ।


कोई खास जगह ना मिले,भले कोई आम ना हो।

सुकून, प्रेम मिले जहाँ, जहाँ लोगो के मन साफ हो।

दुर्गम राह देखी खुब अब,सुगमता चाहिए। ।


रिशते बने नये,कई बातें बना ली यहाँ अब।

नये जोड़ लिये,इकठ्ठे किये अनुभव कई जब।

अब यहाँ और क्या चाहिए, बस बदलाव चाहिए। 


कई दिन हो गये,यहाँ रहते हुए। 

अब नई उम्मीद की किरण चाहिए। 

जाना कहाँ ना पता,पर यहाँ जाने का उपाय चाहिए। 

रह लिए खुब यहाँ, अब बदलाव चाहिए। ।


Kavitarani1 

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