ये भारत माँ की हुँकार है
ये भारत माँ की हुँकार है
गूंज उठेगी दीवारे,मीनारे सिर उठायेगी।
इकलाब के नारो से,कहानियाँ लिखी जायेगी।।
काँप उठेगी धरती,दुश्मन का दिल दहलेगा।
भारत माँ की ओर बुरी नजर से, जो कोई देखेगा।।
जय हिंद के किलकारियों से फिर रण जीता जायेगा।
रण बांकुरो के रक्त से फिर माँ को चोला चढ़ाया जायेगा।।
बलिदानों की इस भूमि पर शेरों का वास है।
आज भी भारत माँ का मस्तक हमारा अभिमान है। ।
गूंज उठी है घाटियाँ, पहाडों पर निशानि है।
हरे-भरे मैदान है,रेगिस्तान में कहानी है।।
पश्चिमी घुसपेठ नापाकी,उत्तरी चीन चालाक है।
हर बात पर मात खिलाते,हमारे वीर सैनीक महान है।
मंगल का चक्कर लगाते, चाँद पर चन्द्रयान है।
ब्रह्माण्ड पर नजर रखते,विश्व में अपना ही गुणगान है। ।
आजादी के बरस बीते,अब ये नया युग का गान है।
शक्ति का परचम लहराते,हम विश्व में आम है।।
ध्यान से सुन लो ये नहीं कोई आम पुकार है।
जोशिले भाषण नहीं ये भारत माँ की हुँकार है। ।
Kavitarani1
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