जो है मेरे सुने लम्हों में | Jo hai mere sune lamho mein | you are in me



जो है मेरे सुने लम्हों में 


यूँ तो भूल  गया हूँ मैं, पर जा मिला हूँ खयालों में। 

अहसासों में अब पास नहीं, साथ है मेरे सुनें लम्हों में।।


वो मिठास कहीं खोई है, वो प्यास भी अब सोई है।

उससे मिलने को जो रोई थी,वो नजरें अब सोई है। ।


यूँ तो कुछ खुशी पाई है, पर उसमें बस तेरी परछाई है। 

जो हकीकत में साक्षात हो,उसी की कमी पाई है। ।


कभी कोशिश ना की ढूँढने की,जो आई खुद टकराई है ।

कुछ बातें की और पता चला, ये तो धुआँ करने आई है। ।


जो सुलगाये आग को,तपन जिससे हो जीवन में। 

मेरे जीवन की शीत मिटाये,वो आती है मेरे सुने लम्हों में। ।


ढृढ़ विश्वास कर सकूं, खुद से ज्यादा उसमें घुल सकूं। 

मेरे अधुरेपन को मिटा सकूं, मेरे एकांत को मिटा सकूं। ।


कुछ आस उससे जगाई है, कुछ प्यास  उससे लगाई है। 

यूँ तो कट रही जिन्दगी मेरी,पर सुने लम्हों में याद उसकी आई है। ।


जो सुरत देखी थी सपनों में, वो धुंधली हो गई है। 

जो ख्याल रखे थे सहेज कर ,वो धुल में कर गई है। ।


आने को जिसे आ जाना था ,जाने क्यों शर्माई है। 

उसके आने से पहले,कइयों से जान पर बन पाई है। ।


यूँ तो संभंल कर चलता हूँ, पर ये मन की हाय है।

बस कब तक करुँ, कुछ मन को जो समझ आई है। ।


ठोकर खाकर फिर बढ़ता, ये ना वो मेरी समझा हूँ मैं। 

गहरी साँस ले आगे बढ़ता, सोंचता फिर उसी को जो है,

मेरे सुनें लम्हों में ,जो है मेरे खयालों में। ।


Kavitarani1 

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