तु भी भूल जा | Tu bhi bhul ja | Forget me
तु भी भूल जा
गया जो बचपन मेरा,बचपन के छूट गये।
कमाने निकले दूर जो,गाँव के लोग भूल गये।।
वो गलियों की मिट्टी अब पक्की सड़क बन गयी।
मेरे घर की कच्ची छत अब पक्की बन गयी।।
कुछ साल बात ना की तो रिश्ते बिखर गये।
जो दोस्त बने जवानी में वो पैसो से छुट गये।।
गया जो दुर शहर से, अपने बदल गये।
बने जो रिश्ते वो कई बार बिखर गये।।
बने जो तुम मेरे,रस्ते सँवर गये।
बिछुड़ने के दौर मैं भी हॅसके गुजर गये।।
वो दौर परिवर्तन का था,संभल कर बढ़ गये।
मिले जितने प्यारे,सबसे खिल गये।।
अब तुम खास हो,और अब लौटते लोग पुराने हैं।
जो भुला दिये वो दुर हो गये,तुम दुर से पास हो गये।।
गया जमाना सिखा गया,बदलाव कैसे होते हैं।
जाते लोग बता गये,बिखराव कैसे होते हैं। ।
मैं भूल गया जो तु साथ था,अभी तक तु पास था।
कहने को दोस्त मेरा,समझने को तु मेरा खास था।।
अब तु भी बदल रहा,जैसे वो बदले धीरे -धीरे वैसे ही। जैसे मैं भूला उनको वैसे अब ,तु भी भूल जा।
हाँ जाना है दूर मुझसे,तो दूर जा।
मैं भूल जाऊँगा ,तु भी मुझे भूल जा।।
Kavitarani1
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