कुछ तुम कहो | kuchh tum kaho
कुछ तुम कहो
कुछ तुम कहो, कुछ मैं सुनूं ।
हो कही भी तुम, मैं तुम्हें चुनूं ।
आसान हो जाये सफर मुश्किल ।
पास कहीं जो तुम रहो ।।
कुछ चाहो तुम, कुछ मैं दूं ।
हो ख्वाहिश कोई, मैं पूरी कर दूं ।
खुशियाँ हो सफर में यूं ।
तुम खुश हो मैं देखता तुम्हें रहूँ ।।
कुछ नाराज तुम हो, कुछ मैं मनाऊँ ।
हो बात कोई भी भले, मैं तुम्हें बताऊँ ।
कट जाये सफर ये ।
साथ जो तुम रहो ।।
कुछ सपनें तुम देखो, कुछ पूरे में करूँ ।
हो कोई चाह भी, मैं पल में पूरी करूँ ।
भरा रहे संसार ये, चलता रहे सफर ये ।
हर बात को तुम्हारी पूरी जो करूं ।।
कुछ तुम प्यार करो, कुछ प्यार मैं लूं ।
हो हालात कोई, मैं तुम्हें संभाल लूं ।
कट जाये जीवन सफर ये ।
साथ कहीं जो तुम रहो ।।
Kavitarani1
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