आयेगी खुशियाँ | Aayegi khushiyan
आयेगी खुशियाँ
आयेगी खुशियाँ, खुशियों की राह सजाता मैं ।
जैसे भी मिले जिन्दगी, जिन्दगी जीता मैं ।
ख्वाबों की गलियों में, घर बनाता मैं ।
मृगतृष्णा से जाके प्यास में ऐसा,
जिसको कहूँ मैं जीवन है कैसा ।
कोई नहीं है साथ में ऐसा,
जिसके गोद सर रख सोऊ वैसा ।
मिलेगा कहीं कोई साथी मन का,
मन मेरा देख रहा सपना ।
आयेगी खुशियाँ, राह सजाता मैं ।
गम को भूलाके बस खुशियाँ गाता मैं ।
कोई कमी है, जो रोके रस्ता मेरा ।
कोई कमी है, जो रोके रहते हॅसकर जीना ।
दुखों के झरने मिले करते गीला ।
आयेगी खुशियाँ, राह सजाता हूँ ।
अपने प्यार को पाने के ख्वाब जगाता हूँ ।
जाती जिन्दगानी, कटती जवानी,
उम्र का बढ़ना, वक्त गुजरना,
जाती यादें सारी, जाते ख्वाब,
टुटते नींद मेरी, टुटती उम्मीद,
सोंचने के करते, होना क्या है खुब,
खुब मैं सोंचता खुशियों की,
याद आती, यादें पुरानी ।
आयेगी खुशियाँ,
खुशियों की राह सजाता मैं ।
जो भी मिले हॅस के गले लगाता मैं ।
आयेगी खुशियाँ ।।
Kavitarani1
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