शाम जरूर होगी | Sham jarur hogi
शाम जरूर होगी
है धुप तो क्या ?
शाम ना होगी ।
तेज बारिश है तो क्या ?
बारिश खत्म ना होगी ।
मिट गई सर्दी और गर्मी भी,
क्या रात नहीं होगी ।
है भ्रम में जग सारा,
है भ्रम में जग सारा,
धुप है बहुत,
मै सब्र नहीं करता,
पर जानता हूँ,
शाम जरूर होगी ।
फिर दिन निकलेगा,
फिर नयी उमंग होगी ।
है उमस बहुत अभी,
ये गर्मी एक दिन खत्म जरूर ।
है धार तेज नदिया की,
होगी खत्म बारिश तो,
ये दरिया भी पार होगी ।
तु सब्र कर ऐ पथिक,
तु हिम्मत रख है राही,
है तेज धुप तो क्या,
शाम नहीं होगी ।
शाम जरूर होगी ।।
Kavitarani1
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