तुझे परवाह नहीं | Tujhe parvah nhi
तुझे परवाह नहीं
सुन ! कहता है क्या दिल ।
ख़्वाहिशों का जहान दिखाऊँ तुझे ।
आ पास बैठ मेरे,
सपनों का महल दिखाऊँ तुझे,
ज्यादा कुछ पास नहीं,
पाया है क्या-क्या खोया,
सुनाऊँ तुझे ।
हाँ, पता है मुझे,
मुझे नहीं आता रिझाना तुझे,
ना बातें प्यारी,
ना प्यार जताना आता मुझे,
तुझे परवाह नहीं,
नहीं पता मुझे।
चल छोड़ इसे;
कुछ और सुनाऊँ तुझे ।
अपनी मैंने खुब कही,
चल सुना अब सुन लू तुझे ।
क्या चल रहा लाइफ में,
कुछ अपने अंदाज में बताओ मुझे,
हाँ मुझे परवाह है तेरी,
तुझे परवाह नही मेरी,
इसे छोड़ साथ लम्हे और बताऊँ तुम्हें ।।
Kavitarani1
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