गुङिया है | Gudiya hai
गुङिया है
माटी की मुरत, भोली सी सुरत।
वो नखराली है, वो प्यारी है।
वो प्यारी है।
प्यारी सी सुरत, मन मोहे, मन भाये।
मन भाये ये गुङिया रे।
मनभाये ये गुङिया है।।
ओ आँखो में काजल, सोहे मन को लुभाये।
माथे बिदियाँ लागे तो चाँद भी लजाये।
लजाये दुनिया, मुनिया ये प्यारी है।
मन प्यारी, ये गुङिया है।
ये गुङिया है।।
प्रित करो, लगाओ हिया से।
हिया से कहो, भेद मिटाये ये।।
भेद ना करना, करना ना बैर।
जानी है एक दिन , तेरी छोङ रैन।
छोङ तेरी रैन ये चली जाये।
प्यारी सी गुङिया शर्ममाये ये।
हो प्यारी गुङिया है।
गुङिया है।।
-कवितारानी।

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