मेरी गुड़िया | Meri Gudiya
मेरी गुड़िया
वो छोटी सी गुङिया, माटी की पुङिया।
आँखो में सपने, बातों में लङियां।
दाँतो में चमचम, हॅसती हरदम।
कहती है मुझसे, ला दो ना चुङियाँ।
ला दो ना चुङियाँ।
चुङियाँ, गुङिया पहने तु हाथों में।
जाऊँ मैं ढोली में, बैठ मैं ढोली में।
घूँघट ओढ़ के, होऊँ विदा फिर।
आऊँ ना गलियाँ, तेरी गलियाँ।
भूल मैं जाऊँ फिर तेरी गलियाँ।
खुब सुनाया तुमने, खुब रुलाया तुमने।
अपना कहा भी, पराया बनाया तुमने।
कहता रहा तु, बापु मेरा तु।
तू मेरी गुड़िया, माटी की पुङिया।
तेरी आँखो के सपने मेरे अपने।
खुश रह जा तु ले ले गुङिया।
रो ना गुङिया, अभी ना रो तू।
ले ले गुङिया, रो ना गुङिया।
ले ले गुङिया, ना ले चुङियाँ।
मेरी गुड़िया। ।
-कवितारानी1

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