हो प्यार कोई / Ho pyar koi



हो प्यार कोई


मिले ना सच्चा प्यार, मिले ना कोई दिलदार, रहे ना कोई यार।

रहे खुशियाँ साथ।

हो कोई गम, कोई मौसम कोई दिन बहार।

रहे खुशियाँ साथ।।


वो झूठा सही मेरा बनकर रहे, जो सुने मुझको और मुझसे कहे।

दूर ही रहे भले वो, पर प्यार कहे।

हो प्यार कोई, हो झुठा ही सही, हो मन साफ, जो समझे साथ।

रहे कोई ऐसा हार।।


मैं कहूँ सब उससे, वो कहे सब मुझसे, ना जीने- मरने की कसमें,

ना हो दिल चीरने की बात।

वो साथ दे मेरा, मैं साथ दूँ उसका, वो सुन ले दिल की।

चाहे ना हो दिल की, रहे कोई ऐसा साथ।।


हो प्यार कोई झूठा ही, जो छोङ ना बीच में कहीं।

जो छोङ जाये ना बार-बार।

हो उसकी कमी जो रहे साफ दिल ही, चाहे दिल में ना हो सच्चा प्यार।

रहे खुशियाँ में साथ।।


गम के सागर मैं कर लूँ पार, रह लूँ अकेले रह बार।

बस कोई गीला ना, हो कोई शिकवा ना, ना शिकायतें आम।

रहे खुशियों में साथ, हो ऐसा प्यार कोई।।


-कवितारानी।


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