सब यहीं रह जाना है / sab yahi rah jana hai
सब यहीं रह जाना है
सारी कोशिशें, सारी बंदिशे, सारी कहानियाँ, सारे किस्से।
सब यहीं रह जाना है।
दिन-दिन कर मरना, वो अकेले आहे भरना, वो मिन्नतें।
सब यहीं रह जाना है।
क्या मिला जो वक्त खोया, क्या रहा जो वक्त खोया।
सब कुछ आज की किमत कह जाना है, सब यही रह जाना है।।
वो बाढ़ के दिन, वो सुखे की तङप, वो बसंत की बहार।
वो पतझङ की आङ, सब यूँ ही कह जाना है, सब यहीं रह जाना है।।
वो साथ बहुत रहा मेरे, वो दूर बहुत था मुझसे।
वो मेरी जान बनी, उसने मेरी जान ली।
वो अनजान मेरे समय था, वो जान पहचान का मेरे पास था।
वो काम बहुत आया मेरे, वो दोखेबाज रहा हमेशा।
सब किस्से कहते गुजर जाना है, वक्त के बाद सब मिट जाना है।
जो पाया यहाँ, यहीं छोङ जाना है, सब यहीं रह जाना है।।
मेरे दिन बचपन के आततायी रहे, जैसे जीये मर-मर जीये।
मेरा यौवन फुलित रहा, मैंने कमाया और दान भी किया।
मेरे किये को कुछ ने अच्छा कुछ ने बुरा कहा।
मेरे एकान्त को सबने बुरा ही कहा।
मेरी सफलता के कई साथी रहे, मेरी असफलता के कई राजी रहे।
मेरी डायरी में आज-कल लिखता रहा।
कभी प्रकाशित हो ये ना कहा, क्या पता ये भी मिट जाना है।
बारीश आनी सब घुल जानी है।
सब यहीं रह जाना है।।
- कवितारानी।
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