जिन्दगी मुझे बता | zindagi mujhe bta
जिन्दगी मुझे बता
ऐ जिन्दगी तु ही बता,
किसे मन लगाऊँ मैं।
मेरे अथक प्रयास को सोचूँ,
या सोचूँ उसने गुजरते जमाने की ।
मुझे समझ ऐ जिन्दगी
किसकी सुनूँ मैं बातें?
मेरे अनाथ जीवन के संबंधियों का,
या साथी जो रोज पराया करते उनकी ।
किसे कहूँ हाल मन के बता,
किसकी सुनूँ ये बता,
मेरे जीवन के रह रहे अजनबियों की,
या जो वापस मिलेंगे उन परायों की ।
मुझे दिखा मेरे भविष्य
ऐ जिन्दगी मुझे दिखा,
मेरे खास रहें तो कौन खास,
कौन जायेंगे मेरे जीवन के साथ।
किसको अपना कहूँ
किसको मानू अपना यहाँ,
मेरे रहे पास उन दोखे देने वालों को ,
या मेरे दर्द ना समझने वाले लोगों को ।
मुझे कुछ समझ नहीं
नहीं कोई आस जिंदगी,
क्या है मेरे पास,
क्या रहेगा मेरे पास ।
ऐ जिन्दगी मुझे बता,
कैसे मन जीत पाऊँ मुझे बता ।।
kavitarani1
252

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें