जिन्दगी मुझे बता | zindagi mujhe bta



जिन्दगी मुझे बता 

 

ऐ जिन्दगी तु ही बता,

किसे मन लगाऊँ मैं। 

मेरे अथक प्रयास को सोचूँ, 

या सोचूँ उसने गुजरते जमाने की ।


मुझे समझ  ऐ जिन्दगी 

किसकी सुनूँ मैं बातें?

मेरे अनाथ जीवन के संबंधियों का,

या साथी जो रोज पराया करते उनकी ।


किसे कहूँ हाल मन के बता,

किसकी सुनूँ ये बता,

मेरे जीवन के रह रहे अजनबियों की, 

या जो वापस मिलेंगे उन परायों की ।


मुझे दिखा मेरे भविष्य 

ऐ जिन्दगी मुझे दिखा,

मेरे खास रहें तो कौन खास,

कौन जायेंगे मेरे जीवन के साथ। 


किसको अपना कहूँ 

किसको मानू अपना यहाँ, 

मेरे रहे पास उन दोखे देने वालों को ,

या मेरे दर्द ना समझने वाले लोगों को ।


मुझे कुछ समझ नहीं 

नहीं कोई आस जिंदगी, 

क्या है मेरे पास,

क्या रहेगा मेरे पास ।


ऐ जिन्दगी मुझे बता, 

कैसे मन जीत पाऊँ मुझे बता ।।



kavitarani1 

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