जिन्दगी तु | zindagi tu
जिन्दगी तु
तुम हो तो साँसे है, धड़कन है मुझमें।
तुम हो तो बातें है, नींद है रातों में।
तुम हो तो मुस्कान है, खुशी है मुझमें।
तुम हो तो दिखता सवेरा और दिन का पहरा ।
तुम में ही तो अक्ष है मेरा ठहरा।
जाऊँ कहाँ जाऊँ छोङ तुझे।
तुझ बिन रह पाऊँ ना जग में।
तुम बिन चलता ना मेरा समय का पहरा।
तुझ से ही उम्र का समय मेरा ठहरा।
तुम हो तो प्रेम है रस है मुझमें।
तुम हो तो प्यास है, बुख है मुझमें।
तुम हो तो रब है, सब है पास में।
तुम हो तो मंजिल है, और कई रास्ते।
तुझ बिन बढ़ पाऊँ ना एक शब्द आगे।
तुझ बिन मेरी नींद ना खुलती।
सपने आते ना कोई आती।
तुझसे ही रोशन है अंधेरा मेरा संसार।
मिला क्या ना मिला सब तुझसे अहसास।
तू बङी खास है मेरी प्यास है।
तू मेरी ख्वाहिशों में पहले।
मेरी रूह पर काया पर तेरे पहरे।
तू मेरी जान है तू मेरी दुनिया।
तू ही खुदाया, तू ही दिया।
जिन्दगी तू मेरी माया और है काया।
तू ही मेरी जान है।
जिन्दगी तू मेरी पहचान है।।
-कवितारानी।

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