धर्म धरा | Dharm dhara
Dharm dhara
इस माटी का कण-कण देव है,
इस धरा की धङकन धर्म।
न्योछावर हुए कई दूत है,
समर्पित है मेरा भी मन।
आभार मेरे इश्वर को,
जिन्होंने दिया यहाॅ जन्म।
धन्य धर्म धरा भारती,
धन्य यहाॅ का जीवन। ।
करबद्ध करुँ आरती,
नित व्रत-उपवास।
कर्म करूँ सनातनी,
नित आधुनिकता का उपहास।
जुड़े जङ से मां भारती,
है सब तेरा उपकार।
धन्य धर्म धरा भारती,
धन्य यहाँ का जीवन; है आभास।
देवभूमि है अतुलित,
है अतुलनीय यहाँ का इतिहास।
अद्भुत यहाॅ की संस्कृति,
अनमोल इसके प्रमाण।
नमन यहाॅ के वीरों को,
बारंबार प्रणाम।
धन्य धर्म धरा भारती,
धन्य यहाॅ का जीवन। ।
-रानी मीना।
जय जय मां भारती।
जवाब देंहटाएं