कोई तुझसा | koi Tujhsa
कोई तुझसा
ज्यादा ख़्वाहिशें नहीं दिल में मेरे ।
बस कोई साथ जीये तुझसा ।।
सपने अधूरे रह जाये मेरे कोई गम नहीं ।
बस कोई पास रहे तुझसा ।।
खुशियों का दामन ना मिले कोई ।
पर कोई सहलाये तुझसा ।।
ज्यादा आरजुएँ नहीं दिल में मेरे ।
बस कोई हमसफर मिले तुझसा ।।
बातें अधुरी रह जाये मेरी, कोई बात नहीं।
पर लब्ज सुनायें कोई तुझसा ।
हँसी दबी रह जाये मेरी, कोई गम नहीं ।
बस कोई मुस्कुराये तुझसा ।।
ज्यादा जीने की चाह नहीं दिल में मेरे ।
बस कोई लम्हे साथ बिताये तुझसा ।।
सफर अधुरा रह जाये मेरा, कोई गम नहीं ।
बस साथ चले कोई तुझसा ।।
गीत अधुरे रह जाये मेरे, कोई बात नहीं ।
पर कोई नगमें सुनायें तुझसा ।।
ज्यादा पाने की चाह नहीं दिल में मेरे ।
बस कोई मिल जाये साथ तुझसा ।।
Kavitarani1
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