सबक सिखाना है | sabak sikhana hai



सबक सिखाना है 


मिली है मंजिल, 

पर सपनों तक जाना है ।

जो दे तकलीफ उन्हें सबक सिखाना है ।

ईरादा कुछ बेहतरीन करने का ।

भीड़ से अलग होकर नाम कमाना है ।

परेशानियों से पार पाना है ।

जो लोग बुरे है उन्हें समझाना है ।

आसान नहीं सफर मेरा ।

क्योंकि अब मंजिल नई सफर नया,

उद्देश्य शामिल है अपनी ऊँचाई के साथ ।

जो देते है तकलीफ ,

जो बेवजह सताते है ।

जो आलम और लापरवाही करते ।

जो मजबुरों को लाचार करते ।

जो लुटतें है लुटे हुए को ।

जो गरीबों को याचक बनाते है ।

जो परों को काटने का काम करते ।

जो असहायों पर दुख मड़ते ।

उन्हें अपने घुटनों पर लाना है ।

उन्हे सबक सिखाना है ।

मुझे उस औहदे तक जाना है ।

मुझे उस पद को पाना है ।

मुझे उन सबको सुधारना है ।

खुद को मजबुत करना है ।

कुछ लोगो को सबक सिखाना है ।।


Kavitarani1 

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