सपनों के शहर में | Sapno ke shahar mein
सपनों के शहर में सब मेरे अपने है, सारे मेरे सपने पुरे है, हर कोई खास है, जो चाहा वो पास है, प्यार है, बहार है, मौज है, ओज है, मेरे सपनों के शहर में । किसी से कहना ना पड़ता, कोई ना आपस में लड़ता, जो मिलता अपना, जो सोंचो सब मिलता, ना कोई फरेब है, कोई ना ऐब है, खाओ जितने सेब है, सब कुछ यहाँ सेफ है, मेरे सपनों के शहर में । हाँ मेरे अपनों के शहर में ।। Kavitarani1 263