स्वर्ग सा सुन्दर | swarg sa sundar
स्वर्ग सा सुन्दर
कोई पूछे मुझसे स्वर्ग क्या ?
कोई कहे स्वर्ग से सुन्दर क्या ?
मैंने जो देखा फिर वो कहूँ।
मेरी मन की ही बात कहूँ।
'स्वर्ग सा सुन्दर होता ; और क्या?
हिमालय सा सुन्दर होता; और क्या ?
यहाँ वैद हैं , यहाँ वैदिकाएँ हैं।
यहाँ औषधि है , यहाँ हरियाली है।
ताजगी का यहाँ जैसा अहसास; कहाँ ?
हिमालय स्वर्ग सा सुन्दर और कहाँ ?
यहाँ नदियां कलरव कर गाती है।
जीव-जगत को ये भूमि भाती है।
आनंद की यहाँ सोगात है।
स्वर्ग सी सुन्दर ये धरती है।
यहाँ देवी देवता बसते हैं।
यहाँ महाकाल , योगी रहते हैं।
यहाँ बादलों की सेर है।
यहाँ सुन्दर सवेर है।
यही स्वर्ग सा सुन्दर है, यही स्वर्ग है ।
हिमालय स्वर्ग सा सुन्दर है।
- कविता रानी।
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