मुरख मारो काम अटकायो / Murakh mharo kaam atakayo
मुर्ख मारो काम अटकाव- वीडियो देखे
मुरख मारो काम अटकायो
शर्म लाज उ बेंच खायो ।
अपना पद पर बड़ो इतरायो ।
काम स फेली जो बढ़ाइयाँ गातो ।
आगे बढ़ने की सिख देतो ।
काम जो थोडो सो उस आयो ।
दंभ भर उ घमंड बतायो ।
बेवजह की हुंकार करी ।
बेमतलब लाज उकी गिरी ।
अतना दन स ज्यो व्यवहार बनायो।
उ घमंडी न मद म एक पल म गंवायो ।
गुस्सा म मने मुहँ फेर्यो ।
अपना आत्मसम्मान रख सामन्।
दुर स बात सैर बात बताई ।
काम होनो ह सरकारी ह सही ह ।
इन इको मान घटायो ।
छोटो मह, लाज को बक्यो ।
पुछी किन तो कह बैठ्यो ।
कागज क पुछड मुह बनायो ।
समझ मुर्ख जग की मुरख मतवालो ।
सरकारी काम कागज का फुछङ ।
सभी लोग ही उकी समझ आई ।
पर जो उतर गई लोई ।
तो खई करगा कोई, याँ मन्ह भी सार्थक पायो ।
मुरख म्हारो काम अटकायो ।।
Kavitarani1
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