बादलिया | Badaliya (Rajasthani kavita) / cloud


बादलिया - कविता का विडियो देखे


बादलिया 


ओ बादलिया! लायो नी संदेश पिया को ।।


बायरो लायो शीत भरयो, रंग शाम को ।

प्यास लायो प्रीत मिलन, अंग राग को ।

हरियाली लायो पाणी भरयो, मन प्यास को ।

ओ!  बादलिया! भूल गयो एकान्तवास को ।।


आस लगार बैठ्या, मन म् विश्वास भर ।

इंतजार थो, बादलियो थारो इंतजार थो ।।


सावन लायो हरो जग करयो ।

भूल गयो रवि खास को ।

ढक लियो पुरो, अंधेरो कर दियो उजास को।

भूल गयो एकान्तवास को ।।


ओ बादलिया! थारी बाट निहारी उंधाळा को ।

थारी आस लगाई राखी मधुर मास को ।

बित गयो उंधाळो नाच, रयो जो मोर यो ।

गा रिया मोर पपीहा, मन को क्यों द्यो राग यो ।।


गाऊँ मूं भी दे द एक आस तो ।

ओ बादलिया ! सुन ल अरदास तो ।

लायो कोनि संदेस म्हारा यार को ।

ओ बादलिया! लायो नी संदेश पिया को ।।


Kavitarani1 

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