शरद चाँद | sharad chand | winter moon

Sharad chand - वीडियो देखे शरद चाँद होकर परेशान शाम गुजारी। दिन बित जाने की थी खुमारी। क्या पास था? क्या था पाया? गम में हिसाब लगा ना पाया। बढ़ता अँधेरा, बढ़ती रात। याद दिलाता, भौर का तारा और दिन प्यारा। वो साँझ की सुरत, मन की मूरत। खो रही थी जिन्दगी खुबसुरत। किसको पता था। किसको खबर। शरद ऋतु थी, रात खुबसूरत। पूरब में रोशनी चाँद प्यारा। चमक रहा था, लग रहा न्यारा। था रोशन जग और शांत-शीतलता। नई कहानी मन लिखता। खुला आसमां और लाखो तारे। भूला बैठे गम पुरानें। खो बस चाँदनी देखे। मन की लिखे मन की देखे। कितना हंसीन, कितना प्यारा। रात का चाँद और चाँदनी का नजारा। शरद ऋत ये बड़ी प्यारी। एकांत में जिंदगी लगी प्यारी। नया सवेरा होगी नई बातें। सोते है लेकर दिन-रात की यादें ।। Kavitarani1 31