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अक्टूबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शरद चाँद | sharad chand | winter moon

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Sharad chand - वीडियो देखे   शरद चाँद  होकर परेशान शाम गुजारी। दिन बित जाने की थी खुमारी। क्या पास था? क्या था पाया? गम में हिसाब लगा ना पाया। बढ़ता अँधेरा, बढ़ती रात। याद दिलाता, भौर का तारा और दिन प्यारा। वो साँझ की सुरत, मन की मूरत। खो रही थी जिन्दगी खुबसुरत। किसको पता था। किसको खबर। शरद ऋतु थी, रात खुबसूरत। पूरब में रोशनी चाँद प्यारा। चमक रहा था, लग रहा न्यारा। था रोशन जग और शांत-शीतलता। नई कहानी मन लिखता। खुला आसमां और लाखो तारे। भूला बैठे गम पुरानें। खो बस चाँदनी देखे। मन की लिखे मन की देखे। कितना हंसीन, कितना प्यारा। रात का चाँद और चाँदनी का नजारा। शरद ऋत ये बड़ी प्यारी। एकांत में जिंदगी लगी प्यारी। नया सवेरा होगी नई बातें। सोते है लेकर दिन-रात की यादें ।। Kavitarani1  31

जीवन रैन बसेरा | jivan rain basera | Life shelter

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जीवन रेन बसेरा - विडियो देखें  जीवन  जीवन रैन बसेरा रे भाई, जीवन रैन बसेरा रे भाई। । मैं ढाल-दाल ढहरा रे भाई, हर पात का रहता फहरा । हर पात का रहता मुझ पर पहरा ।। जीवन रैल गाड़ी रे भाई, जीवन रैल गाड़ी ।। मैं चलता ढोता वजन पहिया, हर भाग का रहता सहरा । हर भार को ढोता रहता सहता ।। जीवन भौर-सवेरा रे भाई, जीवन भौर-सवेरा । मैं पंछी खुले गगन का रे भाई, हर खैत पर हूँ ढहरा। हर खैत पर करता पहरा ।। जीवन दिन-दुपहर रे भाई, जीवन-दुपहर  ।। मैं शाम चल चलता रे भाई, हर घड़ी का रहता पहरा । हर क्षण का रहता पहरा ।। जीवन एक दौड़ रे भाई, जीवन एक दौड़  ।। जीवन हर धारा को पार करता, हर पग का कट रहा । हर पग को गिन रहा ।। जीवन है सघंर्ष रे भाई, हर पल को बढ़ रहा । हर पल का हिसाब रख रहा ।। जीवन अस्थिर रे भाई, जीवन है अस्थिर । मैं अपने कर्म पर ठहरा रे भाई, हर जन को कह रहा । हर जन को कर्म की कह रहा ।। Kavitarani1  28

तुम जाओ | Tum jao | You go

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तुम जाओ-वीडियो देखे   तुम जाओ  अभी कल की बात है, हम दोस्त बने थे। अपनी बातें हुई थी, कुछ किस्से हुए थे। अभी कल ही कि बात है तुम्हे मैं नहीं भाता। अचानक सब बना बनाया बिगड़ जाता। अभी कल ही की ये बात है।। तुम्हें जाना है जाओ। हँसना है गाना है गाओ । जो चाहे वो करना तुम। पर ऐसे ना कसना तुम। कि मेरी जान अटकी रहे। और तेरी सुरत मेरे चारों और भटकती रहे । कई किस्से बने है। कई कहानियाँ जुड़ी। नादान मन हूँ इसीलिये। सब अधुरी ही रही है। ये भी अधुरी रह जाने दो। जो मेरे बस का है। मुझे गाने दो। मन भर गया ना तुम्हारा। जाना है तो जाओ।। कोई शिकवा नहीं शिकायत नहीं। ये कोई तेरी जुदाई की आयत नहीं। मन हल्का करता हूँ, मैं लिखता हूँ। किसी के जाने का अहसास रहता है। बीता जमाना इसे पढ़ कर ही याद रहता है। तुम अपनी दुनिया बसाओ। तुम्हे जाना है 'तुम जाओ' ।। Kavitarani1  25

मैं इंतजार में हूँ | Mein Intejar main hun | I am in waiting

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  मैं इंतजार में हूँ  हूँ भौर का भटका, शाम का अटका। सोंच रहा आगें क्या होगा। मिले पंछी, मिले मतवाले। आगे कौन होगा? मैं इंतजार में हूँ, मैं इंतजार में हूँ। सोंच रहा ये दिन तो कटा। अब कल क्या होगा।। कोई धुन सुनाई थी। पर किसी और ने वो गाई थी। वो गाई थी किसी और के लिये। पर सुनकर मुझे वो भाई थी। कोई गाये मेरे लिये। और वो भाये मन को मेरे। इसे सुनु ,मैं इंतजार में हूँ। मैं इंतजार में हूँ।।   सफर सुहाना ,मन का बहाना। पास आये उन सबको सहलाना। मन को रोज-रोज बहलाना। सोंच रहे कब जीना होगा। खुशियों के संग रहना होगा। रोज नये तराने बुनकर। खुशियों के नगमें बुनकर। कल की सुरत बना रहा हूँ। और सुरत जो मन भाये,  उसे पाने के । मैं इंतजार में हूँ, मैं इंतजार में हूँ।। Kavitarani1  29

मैं आज बेहतर जीने की सोंचता हूँ | Mein behatar jeene ki sochta hun

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मै आज बेहतर जीने की सोंचता हूँ- वीडियो देखे  मैं आज बेहतर जीने की सोंचता हूँ  एक मासुम सी सुरत थी, नादानियाँ थी । फिर हम बढ़े हुए वो चेहरा कहीं खो गया  और नादानियाँ भी। अब हम एक सुरत लिये है और परेशानियाँ । कई सारी खुशियाँ और कहीं सारी कमियाँ । ना वो कल रहा ना वो बातें । ना ये आज रहेगा ना आज की बातें । फिर क्यूँ सोंचे इतना और क्यों उलझे रहे वही । क्यों सोंचे है कैसे और दिख रहें कैसे । छोड़ सारी बातों को दूर कर खुद से लड़ना है । अपनी कमियों को दूर कर खूद से लड़ना है । वो कल अंत हो जाये तो भूला उसका । नहीं तो कल एक मुकाम होगा नया । नई सोंच नई उमंगो को लेकर । चलता हूँ होंसलो को खुद ढोकर । अपना एक नया आशियाना मांगा है । ख़ुद से एक नया जमाना मांगा है । अब कल की फिक्र छोड़ दी मैंने । एक कल को सोंच से चलता हूँ मैं । मैं आज बेहतर जीने की सोंचता हूँ । मैं  आज बेहतर जीने की सोंचता हूँ ।। Kavitarani1  26

एक मन मेरा | Ek Man mera | My heart

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Ek man mera - video dekhe 👇 एक मन मेरा-वीडियो देखे  एक मन मेरा  एक मन मेरा मांगे दुआयें तेरे लिये। एक मन मेरा••• जाये तु जहाँ जाये खुश रहे। मिली मुझको वो खुशियाँ मिले। मिली ना मुझको वो, वो खुशियाँ मिले। एक मन मेरा मांगे दुआयें, एक मन मेरा।। कौन मन का लगा मन से इतना। लगा जितना तु लगा ना कोई इतना। जितना मैं चाहूँ, चाहे जग तुझे। जितना मैं पाना चाहूँ मिले उतना तुझे। मन मेरा पाकर तुझे करता दुआये। एक मन है पास ,एक मन मांगे दुआयें। एक मन मेरा ••• जितना मिले मुझे मन नहीं भरता। मिले जो ज्यादा तन नहीं हरता। हरता मोह तेरा, हरे तुझको मन। मन से सोंचा तुझे, सोचूं तुझको। एक मन मेरा मांगे दुआयें, तेरे लिये। एक मन मेरा ••• खुश रहना तु, चाहे मिले ना हम। मोह के धागों से दुर रहना तुम। जुड़ जाना जब आये सवेरा। खिलना कमल बन, देना खुशियाँ। देख तुझे जग खिलता रहे। मन से मांगू खुशियाँ, तु खुश रहे। एक मन मेरा, मांगे  दुआयें। एक मन मेरा ••• Kavitarani1  27

सब सामान्य है | sab samanya hai | everything is fine

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सब सामान्य है- वीडियो देखे सब सामान्य है  आज सब सामान्य है।  दिन भर काम करना,  बच्चों को पढ़ाना उनसे उलझना। और उनके बारे में सोचना होता है।  कमरे पर आने पर मोबाइल देखना। और खाना बनाना, खाना होता है।  कुछ देर छत पर घूम लेता हूँ।  कुछ एक दो लोगों से बात कर लेता हूँ। पर अब किसी से भी उतनी बात नहीं होती। अनजाने काॅल आ जाते है।  हाँ वो रिश्ता बनाते और खो जाते है।  पर अब कोई ज्यादा गंभीर नहीं लगता। अब सब अपने कामों में व्यस्त है लगता। कोई है ही नहीं अब जिससे बात करने का मन हो। ऐसा कोई गंभीर लक्ष्य भी नहीं की पढ़ता रहूँ।  कभी रविवार या छुट्टी पर घूमने चला जाता हूँ।  अगर पुछे कोई कैसे हो तो मुस्कुरा देता हूँ।  अब पहले से ज्यादा भुखा रहना पड़ता है। पर भूखा सोऊँ ऐसा भी नही होता है।  अब समन्वय के साथ जीने लगा हूँ। अर्धांगनी को भूल अब व्यस्त रहने लगा हूँ।  नहीं सोंचता घर और कार की। ना चिंता किसी और काम की। बस थोड़ा प्रयास पास जाने का, और ऊपर के पद को पाने की करता हूँ।  मैं कोशिशें कर खुश रहता हूँ।  लग रहा सब ठीक सा है।...

आज चाँद नया था | Aaj chand naya tha | Today moon was new

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आज चांद नया था- वीडियो देखे आज चाँद नया था  रोज देख रहा था, पर आज कुछ खास था। ये शरद ऋत का या मेरे मन का कमाल था। बड़ा प्यारा लग रहा था। बड़ा सुन्दर लग रहा था। चाँद आज खुबसुरत लग रहा था। सब ओर चाँदनी फैली थी। रोशनी बहुत प्यारी लग रही थी। नजर चाँद से हठ नहीं रहीं। एक नयी सुरत उसमें दिख रही थी। आज हवायें भी मध्यम चल रही थी। आसमां खुला था, और तारों की चुनर ओढे था। ठण्डी हवायें अब ठण्डी नहीं थी। गर्मी-गर्मी अब जितनी नहीं  थी। अब अच्छा लग रहा था।  आज चाँद खुब जल रहा था। आज चाँद नया लग रहा था। मन कर रहा था बैठ बस देखता रहूँ। लिखूँ ना, कहूँ ना, बस देखता ही रहूँ । बड़ी शांति लग रही थी। शीतलता मन हर रही थी। एक नई ऊर्जा मिल रही थी। जिंदगी कुछ कह रही थी। लग रहा जैसे, जैसे चाँद अपने रण से गर्वीत था। कुछ शर्मा रहा था कुछ कह रहा था। चाँदनी मुस्कुरा रही थी। सब ओर प्यार लुठा रही थी। मैं भी आज लुट रहा था, एकांत में बैठा था, देख रहा था कि आज चाँद नया था  ।। Kavitarani1  32

मिले तुझसी / Mile tujhsi / Looking for like you

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  मिले तुझसी - विडियो देखें मिले तुझसी जाऊँ जहाँ मारा-मारा, जाऊँ कहीं भी मैं। देखुँ तुझसी सब में, देखुँ तुझको ही मैं। पाया नहीं हूँ मैं, अभी मिला नहीं हूँ मैं। ख्वाबों की कलियों में, ढुढुँ तुझको ही मैं।  चाहे जो मिले मुझे, मिले तुझसी ही। मन में रखूँ बातें तेरी, सुरत तुझसी ।। कहूँ खुद से ही अब, कहूँ खुद से ही। मिले कोई मिले जो, मिले तुझसी।। हाँ मिले तुझसी।। बातें भाती तेरी मुझे, भाती तेरी मुस्कान ।  हँसी की फुलझड़ी तेरी, तेरी फटकार ।। गुस्सा तेरा जैसे भाता, भाता ना किसी का । नखरा जैसे तुझको जमता, जमता ना किसी का ।। किसी में वो बात ही नहीं, जो बात लगती तेरी । खोजता फिरता में जग में, मिली ना जो तुझसी । मिली जो तु इस तरह, मिले कोई तुझसी । जीऊँ साथ उसके भाये वो भी तुझसी ।। हाँ  मिले तुझसी  ।।।। रह गई बातें सारी, सारी रातें  । देखा जो तुझको पाकर, भूला मुलाकातें ।। अब तो बस मुझे तु ही जमती । खाली पल में भी मुझमें तु ही रमती । रमता मैं जोगी नहीं, जोग नहीं तेरा । होंश में रहता मैं, नहीं रोग अभी तेरा ।। पर गुजरनी जिंदगानी, हँसते-हँसते । खोज रहा कोई हूँ कोई, रस्ते-रस्...

चलता रह रस्ते-रस्ते / Chalta rah raste-raste

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चलता रह रस्ते रस्ते- वीडियो देखे   चलता रह रस्ते-रस्ते ओ रे बावरे मन । फिर ना तु रस्ते-रस्ते । ठहर जा तु कुछ घड़ी । थाम ले घड़याँ सारी । थाम ले सब हस्ते-हस्ते । ओ रे बावरे मन । फिर ना तु रस्ते-रस्ते ।। कौन घड़ जाना है । मरना है जहाँन से । कौन घड़ी मिट जाना । रह जानी है राहे । भूल जा सब तू । भूल ना रास्ते । जाना है मंजिल को । जाना है हँसने -हँसते । ओ रे बावरे मन ।। वो लोग जो हँसते थे । कसते थे फबकियाँ तुझ पर । रह गई अतित में सब । सब रह गई अकाल में । कल वो बित गया । बित गई घड़ियाँ सारी । भूल सारी बातों को । आ चल दूर कहीं । ओ रे बावरे मन । मन था हँसते-हँसते । जाना है दूर तुझे । जाना है इसी रस्ते ।। देख ना सपने ज्यादा । जी ले इन घड़ियो को तु । जी ले सब को । चलते-चलते हस्ते-हस्ते । ओ रे बावरे मन । सुन ले हँसते-हँसते । जाना है दूर तो । रूक जा कहते-कहते । सुनता कौन यँहा पर । हर कोई कहता है । बस अपनी गाता जग । अपनी ही सुनता जग । अपनी ही चुनता है । सुने जिसको, तुझे बनना है वो । जाना है मंजिल वो । चलता रहे हँसते-हँसते । तेरे से जुडे सब । तेरा नाम लेते है । तुझको चुनते है । भूल कर मेरा संघर्ष...

राही | Rahi | Rahgeer

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राही- वीडियो देखे   राही ओ राही रे, थोडा सब्र कर ले । ठहर जा कुछ पल तु, कुछ पल थम जा । दूर तक जाना तुझे, सास ले ले आ । ओ राही बावरे, थोडा ठहर जा ।। जाना है दूर तक तुझे । आ पास मन हलका कर जा । मैं हूँ बावरा मन तेरा, तेरी हाँ ले रहा । पुछ रहा हूँ, तुझे मेरी बात मान जा । जाना है दूर तुझे, साहस कुछ भर जा । ओ रे राही, थोडा सब्र कर ले जरा । सामना होगा पर्वत, पठार,सागर से । लोग मिलेंगे बहुत, थोडा साहस भर जा । ओ रे राही, बावरा ना होना । पहुँच जायेगा मंजिल को । थोड़ा आराम तो कर जा ।। जाना है दूर तुझे थोड़ा ठहर तो जा । ओ राही रे, थोड़ा सब्र कर ले जरा।। जाना है दूर तक जो, थोडा मेरी सुन । बैठ कुछ पल को मेरी सुन जा । जल्द बाजी कर ना, आराम से सफर कर जा । ओ रे बावरे राही रे, थोड़ा रूक जा ।। Kavitarani1  20

करवा चौथ | Karva chauth

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करवा चौथ- वीडियो देखे   करवा चौथ प्रेम के बन्धन में एक तप है। मधुर संबंध में प्यार का जप है। वैसे तो आते हैं व्रत उपवास कई। पर करवा चौथ महाव्रत और प्रण है।। सुबह से रात तक का उपवास है। खाने से दूर पानी से भी परहेज है। ये जोर जबरदस्ती का नहीं। करवा चौथ तो मन से रखा उपवास है।। इसमें बिन बोले प्रेम झलकता है। इसमें बिन दिखाये प्यार दिखता है। है कितनी परवाह अपने जीवन साथी की। करवा चौथ में निस्संदेह प्रेम दिखता है।। हमारी संस्कृति का उपहार है। जीवन साथी की लंबी उम्र का वरदान है। तप है शरीर का ये व्रत।  करवा चौथ करना आसान भी नही है।। कितना मधुर और प्यार लगता है। जब सब चाँद के दर्शन करते हैं। जब ऑक में जीवन साथी को देखते है। करवा चौथ में पतिव्रत धर्म दिखता है।। बना रहे प्रेम बन्धन सबका ही। आशीर्वाद रहे ईश्वर का सब पर ही। सफल रहे महाव्रत सब का ही। करवा चौथ पर माता जी की कृपा हो सब पर ही।। - kavitarani1 

मेरे गम | mere gum | my grief

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मेरे गम- वीडियो देखे   मेरे गम मेरे सपने बहुत है, जैसे तेरे अपने बहुत है । पर सपनों में एक भी पुरा होता नहीं,  जैसे अपनों में कोई एक मुझे मन से पुछता नहीं। मेरी बातें बहुत है । जैसे मेरी यादें बहुत है । पर एक भी बात पत्थर की लकीर नहीं।  जैसे मेरी यादों में कोई एक यादगार नहीं।  मेरे दोस्त बहुत हैं , जैसे मेरे दोस्त बहुत है । पर दोस्तो में एक भी खास नहीं,  जैसे मेरे दोस्तो में कोई मेरे आस पास नहीं ।  मेरी सहेलियाँ बहुत है । जैसे मेरी पहलियों में एक भी सच्ची नहीं , मेरे गम बहुत है , जैसे मेरे में दम बहुत है । पर गम एक ही कभी रहता नहीं , जैसे दम मेरे में भरता नहीं . मेरी इच्छाये बहुत है , जैसे मेरी अभिलाषायें बहुत है । पर इच्छायें मेरी पुरी होती नहीं,  जैसे अभिलाषायें साफ होती नहीं  । मेरे सपने बहुत है ।। Kavitarani1  18

कुछ तो बता

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कुछ तो बता- वीडियो देखे  कुछ तो बता  जाऊँ कहाँ.......कहूँ किसे । अब तो हर दिन अधुरे मेरे किस्से । यादों का गुलदस्ता हैं । गमों की बारातें हैं । अब तो हर दिन मेरी बातें हैं । हर अनजान भी मेरी बात करता । चेहरा देख मुलाकात करता । भुल जाता मेरे कल को । बस मेरी बात करता । गम छूपाऊँ कब तक बता । मुस्कुराऊँ ऐसे कब तक बता । अब जाऊँ कहाँ, कहूँ किसे । जिंदगी मुझे बता । करूँ क्या मुझे बता । अब तो और खाली लगता है । अकेले में मन डरता है । कोई पास आयें नजदीक बता । मुझे अपनी चाह बता । अब तो दम भरने लगा है । अब तो मन मरने लगा है । क्या करूँ कुछ तो समझा । कहाँ जाऊँ किसे कहूँ । कुछ तो बता ।।  Kavitarani1  16

माहिया / Beloved/ Mahiya

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माहिया- वीडियो देखे माहिया  ओ मेरे माहिया , ओ मेरे सोनिया । तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता । तुम बिन कहीं मन नहीं लगता । कब आओगे ? हर दम मन ढूंढता । अब हर बात पर मन मर रिसता । ओ ढोलना , ओ मेरे पिया ।। सब कहते रब जोडियाँ बनाता । बनी अपनी भी हैं ना । जोडियाँ अनमोल होती है । तुम भी तो अनमोल हो ना । मैं सहेज के रखूगाँ तुमको । तुम्हें बहुत प्यार दूगाँ । मैं कब से इंतजार कर रहा । अब तो आ ओ ना । ओ मेरे माहिया  ,ओ मेरे ढोलना । ओ मेरे सजना ओ मेरे मखना ।। कोई नहीं मेरा मुझसा यहाँ । ना कोई सगा ना साथी खास । रह-रह अकेले  एकान्ती हो गया । मैं रहा अंनाथ एकान्ती का लाला । जन्म से प्यासा प्यार का । जोत रहा तेरी राह । कब आओगे मेरे सजना । कब आ रहें हो मेरी राह । ओ मेरे माहिया ओ मेरे सोनिया ।। Kavitarani1  17

एकांत में / Akant mein / In loneliness

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एकांत में- वीडियो देखे   एकांत में  खयाल बहुत आते हैं,  मन को सताते हैं,  कहता नहीं मैं किसी से,  रहता बस एकांत में।  मुझे भीड बहुत भाती है, सपनों के शहर ले जाती है,  पर रूठा सा रहे जाता हूँ,  मैं एकांत में खो जाता हूँ।  बरस बीत गये ऐसे रहते, उम्र कट गई ये कहते, अब और नहीं रहेना, एकांत और नहीं जीना। खाना कम ही भाता है,  मन रूठ ही जाता है,  खुद की भी सुध नहीं रहेती, एकांत में जिंदगी कुछ नहीं कहती। बहुत परेशान करती है,  पुरानी यादें आहें भरती है,  जिंदगी अधुरी लगती है,  एकांत में बातें अधूरी लगती है।  मन चुप नहीं रहता है, अन्दर ही अन्दर कुछ कहता है,  चुभती रहती ख़ामोशी और जिंदगी,  जब रहता हूँ मैं एकांत में।  कुछ कहीं कुछ सुनी बातें एकांत में,  बैठ अकेले बुनी किताब एकांत में। । Kavitarani1  15

हे भगवान | hey bhagavan | O God

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हे भगवान-विडिओ देखे हे भ गवान   शुक्रिया हे ईश्वर मुझे कामगार बनाने के लिये ।  आभार आपका मुझे होंसला देने के लिये ।। मेरे कर्मों को में उच्च गुण प्रदान करता रहूँ । आपके नाम का हर बार जाप करता रहूँ ।। सोचा था उतना और उससे ज्यादा तक पाया है । पर सपनों  का मुकाम अभी मुझे पाना है ।। टुटते होंसले और बिगडते समय का मलाल करके । आपके बनाये पुतले को दुनिया में करके महान ।। इस दुनिया के मानव इतिहास के वो लोग महान । हारती हिम्मत, टुटते होंसले और बढ़ते कद के साथ ।। मैं सपनें को करना चाहूँ सकारा,  मुझे राह दे दो भगवान ।। टुटी झोंपड़ी, असहाय बना जी रहा था वहाँ से लेकर । दूरी आत्मनिर्भरता के साथ अपने सही मार्ग पाकर ।। मैं चल रहा हूँ होंसले समेटते हुए सा आज भी । बस टुटती उम्मीदों खोई राह को ले संभाल ।। मेरी हिम्मत का छुटे ना कभी मुझसे साथ । मेरी राह सर्वोच्च की ओर खुले, मैं जाऊँ बनूँ महान ।। मेरी प्रार्थना पर गोर करना है भगवान । मेरी जिंदगी को देना नया मुकाम ।। Kavitarani1  89

जिन्दगी हस कर जीनी है | Zindagi has kar jeeni hai

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जिंदगी हस कर जीनी है- वीडियो देखे   जिन्दगी हँस कर जीनी है अपनी कमियों पर जीत पानी है। जो नहीं है वश में वही वश में लानी है। अपनी परेशानियों को जीतना है। जिन्दगी को हँस कर जीना है। कौन साथ है, कौन नहीं। जिन्दगी की दौड़ रोकनी नहीं। मंजिल का पड़ाव बनाना है। आगे बढ़ते जाना है। अपनी कमियों पर जीत करनी है। जो नहीं है वश में वही वश में करनी है। आधी कटी है जो घूट घूट कर। अब आगे अपनी मर्जी से जीनी है। जिन्दगी अपनी शर्तो पर जीनी है। नहीं बनाई कोई शर्त तो भी, कोशिश यही की हँस कर जीनी है। जिन्दगी हँस कर जीनी है। Kavitarani1

ओ रे पिया | O re piya

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ओ रे पिया- वीडियो देखे  ओ रे पिया  मेरी अर्ज सुनजो जी..... पिया जी मोरी अर्ज सुन जो जी.... मने आस लगी जी...जो...मोरी अर्ज सुन जो जी... मैं पिया बावरी, तेरी बनूं सांवरी, मेरी अर्ज सुन जो जी, पिया जी मोरी, अर्ज सुन जो जी... गीत गाऊँ थारे वास्ते जी।  पिया जी मोरे...अर्ज सुन जो जी... गाँव-शहर सूँ बोल लियाओ जी... मिठे बोर लिया ओ जी... गाँव री मिठास जीवन घोल जो जी.. .पिया जी मोरे... शहराँ रा भाव ला जो जी... म्हारी सुनी झोली जी... भरजो जी पिया, गाँव बसजो जी । सोनी सुरत, माथा तिलक, सबको राम पाओ जी, सबने राम कर जो जी, पिया जी म्हारे, अगँना रमजो जी, पिया जी म्होरे मनड़े बस जो जी, बालका म रमजो, बड़ाँ मन खिलजो, लोगां म मिलजो जी पिया जी म्होरे , मनड़े बसजो जी, पिया जी म्हारे हिवड़े रमजो जी। मेरी अर्ज सुन लो जी, पिया जी म्हारे घर जल्दी आओ जी। बेगा हालो जी पिया जी म्हारे,  जल्दी आओ जी। ।। Kavitarani1  1

आजादी | Ajadi | freedom

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आजादी- वीडियो देखे आजादी  कोई रोक ना रहे,  कोई टोक ना रहे । जैसे जिया वैसे जीऊँ मैं । कोई हर पल दिमाग में घंटी सा ना बजे, जैसे चाहूँ वैसे रहूँ मैं । जो चाहो वो करो तुम, मुझ पर कोई रोक ना लगाओ तुम। टोको ना मुझे, बिन बोले हो या बोलके, मेरे आस पास ना मंडराओ तुम । मुझे आजादी से रहने दो, आजाद हूँ मैं तो, मुझे आजाद रहने दो ।। एक उम्र से गुलाम रहा, कुछ कहने को भी स्वच्छंद ना रहा। पर अब विचारों पर पहरा ना रहने दो, जैसे साल गुजारे हैं मैंने अब तक, अब वो बंदिशे मेरे पर ना रहने दो । रहा जो मेरी सोंच पर अतिक्रमण,  जो रोकता रहा मेरा स्वछन्द भ्रमण। मुझे उससे आजाद रहने दो हूँ जन्म से आजाद जो, मुझे आजाद रहने दो ।। Kavitarani1  201

खुण याद राख् | khun yad rakh | who remember

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खुण रख याद - वीडियो देखे खुण याद राख परिवार भुल्यो,  समाज भुल्यो, दोस्ताई अब नी ह याद । बेमतलब कोई याद नी दिलाव, दुर बैठ्यो खुण रख याद ।। दौड़-दौड़ काम करयो, बुलाबा प भाग्यो गयो- दियो साथ । राता जाग जाग काम आयो, अब दुर पड़यो खुण रख याद ।। बार-त्योहार, शादी म काम प पहलो आतो जी को नाम । याद ह अब बुलाबो मेंगो पड़ तो खुण रख याद ।। दुर-दराज यात्रा प ग्या, मौज मस्ती म म्ह जो आग था । अब नया लोग मिल ग्या तो पुराणा ही खुण रख याद ।। सब मतलब तक साथ था, अब मतलब की भी नी री बात । काम-धाम सबका चाल रया, खुण असा म रख याद ।। घर परिवार दिखावा सारा, मन का प्रेम अब भर्या बजार । साफ मन स बकोल चाव, म्हे साफ मन खुण रख याद ।। खैत खलियाण जोत म काम आव मोटियार । म्ह पुराणा बूढ़ा सा म्हाई खुण रख याद ।। कट री वा की भी, कट री म्हा की भी । अपना जमाना म खुश सब, खुण बेवजह रख याद।। Kavitarani1 18

आसान नहीं मनचाहा पाना | Asan nhi manchaha pana

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आसान नहीं मनचाहा पाना- वीडियो देखे   आसान नहीं मनचाहा पाना  हो राहें सुलभ सामनें । लोग खड़े हो होंसला थामने । पथ से भटका राहगीर विरले आता है ।  कंटीली झाड़ियों से टकराता है । राह के रोड़ो से मार खाता है । लडखङाता पथिक दृढ़ निश्चयी ही आ पाता है । भटकता अटकता समझ जाता है । आसान नहीं मनचाहा मुकाम पाना ।। जो रहे अडिग लक्ष्य पर, वही मंजिल पाता है ।  बन साथी दुश्मन गले लगते है ।  मिठे बोल-बोल लोग जहर भरते है । पीठ पर वार करने वाले अलग चाल चलते है । सामने मुश्किल हो खड़ी की दोस्त बन घाव करते है । आसान नहीं ऐसे में ध्यान लगाना । होश में इन लोगों को अनदेखा कर पाना । आसान नहीं मनचाहा मुकाम पाना ।। जो चुन रखी मंजिल उसे पाना है ।  खुद से पहले - फिर जग से भीड़ जाना है । कुछ अलग करके दिखाना है ।  कुछ अचरज कर जाना है । पर सोंच अप्रत्याशित रुकावटों को । छुपे हुए इन मधुर बने काटों को । लक्ष्य से भटकाते लोगों को ।  मन यही कहता और दोहराता है । आसान नहीं मनचाहा मुकाम पाना ।। Kavitarani1  51

सोनिये | Soniye | my love

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सोनिये - कविता का विडियो सोनिये रातें जागना और तारे गिनना । इतना नहीं कर सकता मैं । तु मिले और खुश रखूँ तुम्हें । इतना सोंच सकता हूँ मैं । मेरी सोनिये,  तु मुझसे ज्यादा समझ वाली है । कैसे पाऊँ तुझे । देखे इतने चेहरे, कैसे पहचान पाऊँ तुम्हेें ।  कैसे पाऊँ तुम्हें । सोनिये तु सपने में सुन्दर मेरी कहानी  है । तु मेरी रूह की प्यास, मेरी जवानी है । दूर कब से तुझसे,  कैसे मन समझाऊँ में । कब मिलेगी कहो, कैसे मन लगाऊँ मैं । मेरी सोनिये,,,,,,,,,। Kavitarani1  49

दिन गुजार दिये | Din gujar diye | Day lost

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दिन गुजार दिये - कविता दिन गुजार दिये  पुरे-पुरे दिन नेट पर बिता दिये। सुकून भी आ गया पर लक्ष्य के कदम खो दिये। करनी भी मेहनत खुब। पर दिन यूँ ही गुजार दिये। । दिन भर रील्स देखी और स्टाॅरीया देखी। जो कभी स्थिर ना रही उन लड़कियों से बात की। मैसेज किये यूँ ही किसी को, यूँ ही लोगो से बात की। खुब समय था महिने भर, पर दिन यूँ ही गुजार दिये। । महदोश ना था गम में इस बार। ना कोई दर्द था पुराना कहीं।  कोई रुकावट लगातार ना थी। ना थी बंदिशे दिन भर ही। दिन भर सोचा लक्ष्य को, जीवन के भविष्य को। दिन भर चाहा महत्व को, बेहतरीन जीवन को। समय था मिला अभी बहुत।  पर दिन यूँ ही गुजार दिये। । Kavitarani1  50

हाल क्या है कैसे कहूँ | Hal kya hai kaise kahun | ho can I tell my feelings

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हाल क्या है कैसे कहूँ- वीडियो देखे  हाल क्या है कैसे कहूँ । क्या बताऊँ, कैसे कहूँ मैं । बिन तुम्हारे बस जीये जा रहा मैं ।। हाल बुरा तो नहीं, ऐ मेरे सनम । पर हाल अच्छा है, ये कहा ना जा रहा है ।। मेरे दिल, पर जो है बित रही । वो दास्तां बताना बुरा भी कहां ।।   क्या बताऊँ मेरी तन्हाई को मैं । मैं अकेला हूँ बस कहे जा रहा ।। मेरे दिल में है क्या, कैसे कहूँ । समझ मैैं खुद ना पा रहा ।। हाल ए दिल बुरा है सनम । जमाना भी बुरा कहे जा रहा ।। हाल क्या ही बताऊँ मेरे दिलबर । समझ ही कुछ ना आ रहा । समझ ही ना मैं पा रहा ।। Kavitarani1  135  

बादलिया | Badaliya (Rajasthani kavita) / cloud

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बादलिया - कविता का विडियो देखे बादलिया  ओ बादलिया! लायो नी संदेश पिया को ।। बायरो लायो शीत भरयो, रंग शाम को । प्यास लायो प्रीत मिलन, अंग राग को । हरियाली लायो पाणी भरयो, मन प्यास को । ओ!  बादलिया! भूल गयो एकान्तवास को ।। आस लगार बैठ्या, मन म् विश्वास भर । इंतजार थो, बादलियो थारो इंतजार थो ।। सावन लायो हरो जग करयो । भूल गयो रवि खास को । ढक लियो पुरो, अंधेरो कर दियो उजास को। भूल गयो एकान्तवास को ।। ओ बादलिया! थारी बाट निहारी उंधाळा को । थारी आस लगाई राखी मधुर मास को । बित गयो उंधाळो नाच, रयो जो मोर यो । गा रिया मोर पपीहा, मन को क्यों द्यो राग यो ।। गाऊँ मूं भी दे द एक आस तो । ओ बादलिया ! सुन ल अरदास तो । लायो कोनि संदेस म्हारा यार को । ओ बादलिया! लायो नी संदेश पिया को ।। Kavitarani1  12

कोई याद दिल में

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  कोई याद दिल में हैं- वीडियो देखे कोई याद दिल में  किसी की यादों को भुलाये बैठा । मैं अपनी धुन मेें गाये बैठा । लगता है कोई नहीं नसीब में ।  कि कोई याद दिल में जगाये बैठा ।। वो धुंधला है पर खुबसुरत बहुत । अदायें उसकी खुब वो लाजवाब बहुत । मैं उसे सोंच अपनी राह भुलाये बैठा । कोई याद दिल में जगाये बैठा ।। बाहों का हार उसका कोमल है ।  लबों के जाम उसके नशीले है । मैं अहसास में ही डगमगाये बैठा । कोई याद दिल में जगाये बैठा ।। लोग पूछते थक गये कैसी है वो । मैं ढूंढते थक गया कैसी है वो । कुछ पल जो मन से बतला ये बैठा । कोई सुरत दिल में हैं सोंच खिल उठा ।। उसके साथ सफर सोंच बैठा । मजेदार सफर को याद कर बैठा । लगता था कोई नहीं पसंद दिल को । पुछा दिल से दिल खुलकर बोल बैठा ।। कोई याद दिल में हैं याद कर बैठा । मिलने को उसे आज बैचेन हो बैठा ।  मिलेगी वो यह सोंच ही खिल बैठा ।  अंधेरे राह पर भी दौड़ कर चल उठा ।। मै उसकी तलाश को चल बेठा । कोई याद दिल जगाये बैठा ।। Kavitarani1  11

कह, हाँ मैं तेरी हां | mein teri han

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कह हाँ मैं तेरी हां- वीडियो देखे कह,हाँ मैं तेरी हां  हॅसी तेरी बच्चों वर की । सोनी तु मेरी हीर वर की । मैं कहता रवां तु मेरी है । तु भी कह मैं तेरी हाँ ।। कसौटी अपनी टाॅम-जैरी सी । बातें अपनी खट्टी मिठ्ठी सी । मैं हरदम तुझे अपना कहता रहा । तु भी कभी अपना कह ।। कुछ ख्वाहिशां मन आयी है । मैं चाँद बनां, तुझे चाँदनी में चाहा है । फुल बना मैं तु खुशबु बन जा । मेरी काया में लहु सा घुल जा ।। कुछ सपने तुझसे जोड़े हैं ।  महलां में तुझे गुड़िया सा सजावा मैं । आसमां से सारे तारे चुनरी विच लावां । जो तु मेरी कह जा, नये नगमें सुनावां ।। तेरे फुलां नी तारिफें करा । तेरे गांला नूं चुमता रवां । तेरे गले का हार बना । ये जीवन जो तेरे नाम करां ।। मेरे मन की जरा सुन जा । जो चाहा बेइतंहा तो तुझे चुनां । मैं हर दम तुझे जो अपनी कहां । तो तु भी कह हाँ मेरी तेरी हां ।। Kavitarani1  3

मैं तुम्हारे लिये लिखना चाहूँ

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मैं तुम्हारे लिये लिखना चाहूँ- वीडियो देखे मैं तुम्हारे लिये लिखना चाहूँ  मैं तुम्हारे लिये कुछ लिखना चाहूँ  । जुड़ा तुमसे किस कदर बताना चाहूँ। मैं तुम्हारे लिये कुछ नगमें बनाँऊ।। हाँ ये आसानी से कर सकता हूँ मैं।  दिल से निकले शब्दों को सीधे लिख सकता हूँ मैं।  तुमसे जुड़ाव भी तो गहरा है।  कहीं छुपे रह कर मेरे एकांत पर तुम्हारा पहरा है।  मैं अपने लम्हें तुम्हारे नाम करना चाहूँ।  मैं तुम्हारे साथ जीना चाहूँ। । बड़ वजन होता शब्दों में।  दिल के कई भाव होते हैं इनमें।  मैं अपने दिल के भावों को तुम्हारे लिए कहना चाहूँ।  हाँ मैं कभी-कभी ज्यादा सोचता हूँ।  मैं हर सोंच को तुम्हारे लिये लिखना चाहूँ। । Kavitarani1  17

मैं पथिक अडिग

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मैं पथिक अडिग बढता- वीडियो देखे मैं पथिक अडिग   मैं पथिक अडिग बढता हूँ ।। रोज नई बाधाओं से लङता हूँ ।।  कभी बादलों से उलझता हूँ ।  कभी हवाओं से उलझता हूँ ।  कभी राह पर रोड़े पाता हूँ ।  कभी धरातल खोया पाता हूँ ।  मैं पथिक अडिग बढता हूँ ।।  कभी राहगीर नये अपनाता हूँ ।  कभी विचलित हो उन्हे भगाता हूँ ।  कभी अनायास लोग भटकाते हैं ।  मैं भटकता और फिर राह पर आ जाता हूँ ।  मैं पथिक अडिग चलता हूँ।। मंजिल मेरी ऊँची हैं ।  राहें मेरी मुश्किल है ।  तन का बोझ समझता हूँ ।  मन का मोज समझता हूँ ।  हिम्मत बनाये रखता हूँ ।  मैं लक्ष्य पर नजर रखता हूँ ।  मैं पथिक अडिग बढता हूँ ।।  टोकने वाले आने है तो आयेंगे । पर रोकने वाले रोक ना पायेंगे ।  पथ कठोर और दुर्गम कर जायेंगे ।  पर रोक मुझे ना पायेंगे । क्योंकि मैं मन मौजी हूँ।  मैं पथिक लक्ष्य पर अडिग हूँ । मैं पथ पर अडिग बढ़ता हूँ ।। Kavitarani1  13

मैं अकेला चल रहा | Mein akela chal rha / I'm walking alone

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मैं अकेला चल रहा- वीडियो देखे मैं अकेला चल रहा  पलको पर ख्वाब सजाये, नींदो को बीस्तर पर छोडे। कुछ खुश अपने आज से, कुछ बुरे लोगों से सिखते। मैं खुद से बातें कर रहा, मैं अकेला चल रहा।। अपने वजूद को टटोलता, अपने कल को मोलता। तोलता अपने आज को, बोलता अपने आप को। मैं अपनी राह खुद चुन रहा, मैं अकेला चला रहा।। कुछ लोग मिल रहे अनजाने ही, कुछ लोग चुन रहा जाने ही। जो मन को भाये साथ ले रहा, जो मन खाये दुर कर रहा।। मैं अपनी जिंदगी बुन रहा, मैं अकेला चल रहा।। रिश्ते है खुब कहने को, लोग है खुब साथ रहने को। मैं भीड़ में से लोग चुन रहा, कुछ ही लोगों से मैं बुन रहा। मैं आगे बढ़ रहा, मैं अकेला चल रहा। । सपनों का शहर बाकि, मेरे महल का काम बाकि। कुछ पुरे कुछ लक्ष्य बाकि, मेरी राह की मुश्किलें बाकि। मैं मुश्किलों से खुद लड़ रहा, मै अकेला चल रहा। । मैंने परखे है लोग सारे, जिंदगी के दौर सारे। कोई ना बन पाया मेरा तो मैं अकेला चल रहा ।। Kavitarani1  57