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फ़रवरी, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रोज के किस्से | Roj ke kisse

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विडिओ देखने के लिए यहां दबायें - रोज के किस्से रोज के किस्से  सुबह का सूरज रोज पुरब से उगता, पश्चिम को अस्त होता है ।  रोज मौसम के अनुसार हवायें चलती, शीत, ग्रीष्म ऋतु सी होती है । शाम को अँधेरा सालों से धीरे-धीरे बहता, तारे खुब सारे और चाँद आसमान में चमकते है । शौर दिन भर गाडिय़ों के आते हैं ।  और धूप सेकते सर्दियों में दिन गुजर जाते है ।  संवेग रोज मन के हाव, चाव को बदलते रहते है ।  कुछ दिन खुश रहता हूँ ।  मैं कुछ दिन उदासी में गुजार देता हूँ ।  रोज नये घटना क्रम बनते है, शांति के भी रोज रोज किस्से बनते है । पढ़ता-पढ़ाता काम करता रहता, मैं दिन काट देता हूँ ।  कभी कलम हाथ आये, तो किस्से उतार देता हूँ ।  रोज के किस्से लिख देता हूँ ,  जैसे जिन्दगी गुजार देता हूँ ।।  Kavitara ni1  68

अनजान ही अच्छा | Anjan hi achha

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Click here to see video - Ajanabi अनजान ही अच्छा  हर मन दबा हुआ जहर से खुद के, दिखावे में मिठास भरा हुआ ।  मुस्कान झुठी ले चल रहा, गहरा लिये जख्म चल रहा । हर दिन एक नया रूप बदलता । चेहरा एक जो लिया हुआ ।  विश्वास करूं किस पर यहाँ,  भ्रम में है संसार भरा पड़ा ।  अनजान था बचपन में सबसे,  लग रहा था अनजान ही अच्छा,  नादान था बचपन में अच्छा ।  अच्छा है बना हुआ हूँ अब भी नादान यहाँ ।  हर तन ढका हुआ है यहाँ, दिखावा किया जा रहा । हर चेहरा है छुपा हुआ ।  हर मुस्कान झुठी है यहाँ,  हर दिन मुश्किल हो रहा, सब जानकार में इनकार हो रहा । अनजान ही अच्छा था मैं,  अनजान ही अच्छा ।। Kavitarani1  72

आभार आप सबका | Abhar aap sabka

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Touch here to see video - kavita Abhar apka आभार आप सबका  सोचा था भूल गयें होगें,  जो छुटे पिछे अब छूट गये होंगे ।  तीन बरस बीत गये गाँव छोड़े, सोचा यादों से मिटा दिये होंगे।  ना कोई पोस्ट की इस बार, ना कोई जिक्र होने दिया ।  फिर भी पता लगाकर आपने, मुझे विश किया । आभार आपका की मुझे याद किया । अपनी स्नेहिल शुभकामनाओं से प्यार दिया । आभार आपका की मैसेज, काॅल किया । जीवन की उन्ह विपदा काल के साथियों,  मेरी बेरोजगारी की यारीयों, मेरे कोचिंग के प्यारों,  प्राइवेट स्कुल के साथियों और प्यारों, मेरे राजनीतिक गलियारों के अनछुए लोगों,  मेरे दूर के स्टाफ साथियों,  मेरे वर्तमान के प्यारे सहयोगीयों, मेरे परिवार के लोगों,  आप सबने जो स्नेह दिया, वो अतुलनिय, अविस्मरणीय,  आप सबका इस स्नेह के लिये, आभार, धन्यवाद, आशीर्वाद ।  आप हमेशा मेरी यादों में,  मेरे जीवन सफर, मेरी जीवनी में,  अविस्मरणीय रहेंगें,  आप हमेशा मेरे लिये खास रहेंगे ।। Kavitarani1  97

ना चाहके भी...| na chahke bhi

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  Touch to see video - NA CHAH ke bhi ना चाहके भी... रात हो अँधेरी या ऊझली ही, दिन थकान भरा या आराम ही । करवटों में रात गुजर जाती, और दिन की धूप जलाती है ।  देखूँ रोज नये चहरे, मुझ पर होते लोगों के पहरे, व्यस्तता में रहूँ या बैठा यूँ ही, जाने क्यूँ ना चाहके भी कोई कमी सताती है ।  तेरी याद आती नहीं,  पर तू सताती है।  ना चाहके भी... तू ही मुझे भाती है । सोचना चाहूँ ना, देखना चाहूँ ना, बुलाना चाहूँ ना, फिर भी तेरी परछाई आती है ।  ना चाहके भी, मेरी तन्हाइयों में,  मेरी खामोशी में,  मेरी रूसवाई में,  तेरी कमी नजर आती है ।  मुझमें तेरी कमी नजर आती है ।  ना चाहके भी, तू ही मुझे भाती है ।  Kavitarani1  66

प्रेम, Prem

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प्रेम- यह विडिओ में देखने के लिए यहाँ दबायें प्रेम जब पनपे मन में तो एक निर्मल तालाब है । अपने आस पास सबको शीतल करता है ।। जब ढुबे प्रेम में तो लगता अथाह सागर है ।  सारी अल्हड़ता और जवानी की थाह लेता है। । सारे दर्द भूला देता जब इसका स्वाद होता है ।  इसीलिये इसे कहते ये सारे भोगो का भोग है ।। जब हो जाता प्रेम तो बन जाता ये योग है । बना देता रोगी सा प्रेम एक जोग है ।। एक नशा है अनचखा सा, और दर्द भरी दवा है ।  अनचाहा खयाल है और कभी विदेशियों की सजा है ।। प्रेम आत्मा की अनुभूति है सारी उम्र का मजा है । देह का सुख है और दुःखो में सबसे बढ़ा दुख है ।। प्रेम बाहों की कोमलता है यादों का हार है । हो जाये तो प्रेम जीवन पर एक प्रहार है ।। प्रेम जीवन का सच है यही एक दुनिया है । छल है, निश्छल है, एक बादल है, ये अन्त है, यही सार है ।। यही उदय, यही अस्त, यही व्यस्त, ये आवारा, ये पागल है । प्रेम सन्तुष्टि है, देह की तुष्टि है, जीवन की सृष्टि है, यही राश है ।। प्रेम है नर, प्रेम है नारायण, प्रेम ही चाह है, यही राह है । यही दुर्लभ है, यही सुलभ है, अनमोल है ।। प्रेम कोई गाना है, आनन्द का तर...

सर्दी है / sardi hai

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Click here to see video   सर्दी है हवायें सर्द है, सिरहन है,  ये सर्दी का मौसम है । हाँ ! ये सर्दी का मौसम है ।  तुम्हें क्या लगा था, किसी ने मजाक किया, ऊपर जाके एसी फुल किया । या फ्रिज का दरवाजा खोल दिया । अब बोल दिया तो अच्छा किया, जा जाके अलाप जला । मेरा मुड खराब है । मुझे ना जला । हाँ मुझे ना जला । अब मुझे पता लगा तो आग ना बन । मेरी सर्द सांसो का विलाप ना बन । ना पुछ क्या हुआ । ना पुछ कैसे तु जल रहा । जा बाहर जा,  जाके रट्टा मार । हाँ पुछ किसी और से कि "क्या ये सर्दी का मौसम है ?" "ये सर्द हवायें क्यों चल रही है ?" "इतनी सर्दी क्यों पड़ रही है ?" जहाँ सेंस तेरा खराब है । वहाँ काॅमन सेंस ना होना आम बात है । हाँ ! ये  बात है,  है जो वही पुछना, और मेरे जैसो का रिसना । जहाँ पहले ही जिन्दगी इतनी सुर्ख़ है । रातें रोज जहाँ सिहरती है । सिसकियाँ रोज निकलती है । वहाँ यही कहना पङेगा, हाँ ! सर्दी है।।   Kavitarani1  123

खाई बड़ी | khai badi

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Khai badi - click here to see video खाई बड़ी  खुद की जिद के आगे खुद की हार, खुद ही समझ बात खुद ही करना चाहूँ पार, या खाई बड़ी भारी है,  होई नी अबार तक पार ।। कोशिशां करता बारंबार, होसलां खोता हर बार, हर बार हारता खुद से ही, खुद ही बनाता होसलां अपार ।। भगवान भरोसे चल रही, चल रही जीवन पतवार, या खाईं बड़ी भारी है,  होती नी पार, होई नी पार ।। दुजा किनारा साफ समतल लगे, लगता आनन्द होगा अपार, सोंच मजे की ही बात, हर बार करता कोशिशां बारबार ।। हारता खुद ही,  खुद खड़ा हर बार, या खाई बड़ी चौड़ी है, जदी होती नी पार, या खाई अबार तक, होई नी पार ।। Kavitarani1  88

तुम मिली नहीं | Tum mili nhi

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विडिओ देखने के लिए यहां दबायें - tum mili nhi kavita   तुम मिली नहीं  कितनी सुन्दर कितनी प्यारी,  जैसी तुम वैसी तुम्हारी बातें ।  आखों में चमक गालों पर लाली,  जैसे लगती तुम मेरी आली ।। दुर रह पास का आभास कराती, तुम्हारी बातें मुझे प्यार दिलाती । आभास ही मुझे पास ले जाता है,  मेरा एकांत तुम्हे सोंच कर मिट जाता है ।।  कल्पना कर दिन - रात कटते, हमेशा मिलने को राह तकते । कहे किसे कोई इतना खास कहाँ,  तुम से शुरू बातें तुम पर ही यहाँ ।।  सब कुछ न्योछावर क्यो मैं कहूँ,  एक तुम हो छिपी कहीं दूर हो । पलके बंद कर बस खयाल तुम्हारा, सोंच तुम्हे मन बेसहारा ।। सुंदरता की चाह बस तुमसे पहले, तुम मिलती फिर कुछ नहीं ।  रूक जाती जिन्दगी की ख्वाहिशें मेरी, इसीलिये शायद तुम मिली नहीं ।।  Kavitarani1  78

मैं समझा ना / main samjha na

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  Video dekhne ke liye yha click kare : मैं समझ ना सका मैं समझा ना  फिर एक चिर परिचित से बात हुई,  अपने अकेलेपन से मुलाकात हुई,  वो बात लड़की से थी, और वही मैं समझ ना सका। अपने ही दुःखो से भरा पड़ा,  उसके दुखो को सुन रहा, टाइप करते मन नहीं रहा, बात करने को कहा बात हुई,  पूनम रात चाँदनी सोम्य सी ही थी, फिर अचानक धूप खिली, और फिर अचानक बरसात हुई। मैं समझ ना सका, कैसे इतनी जल्दी ये करवट हुई,  आँख खुली और नम थी, सपने की अच्छी बात हुई।  अपने ही मन का उपजा रस लेकर। जहर की घूट हुई। कङवाहट से स्वाद बिगङा, मिठास झट से गायब हुई।। Kavitarani1  109

कुछ तो | kuchh to

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Click here to see video - kuchh to bat hai   कुछ तो... सब ठीक चल रहा होता है, कुछ जमने वाला होता है, आगे बढ़ने को होंसला आता है,  शांत मन सपने पूरे करने को जाता है,  सुकून की तलाश होती है,  सब कुछ बदलने वाला है लगता है; कि सब धरा रह जाता है। सब पड़ा रह जाता है,  सब बिगड़ जाता है,  सब छुट जाता है । आखिर क्यों हुआ ये ? क्या कमी रही गई ? क्या बात हो गई ? कुछ तो बात है,  फिर लगता है,  कुछ तो बात है ।। Kavitarani1  73

दुहाई | Duhai

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Click here to see video - Duhai kavita दुहाई  हे कृष्ण! तुम्हें राधा जी की, हे राम! तुम्हें सीता जी की, हे भोले! तुम्हें पार्वती जी की, सब प्रेम जनो को प्रेमिकाओं की, हर प्रियतम को प्रियतमा की, है दुहाई, है दुहाई।  है दुहाई;  कि क्यूँ बहारें वो समेटे रखे, अपने आनन्द को छुपाये रखे। कि अपने मोह को बताया नहीं,  है दुहाई, कि मैं कैसे कहूँ,  कैसे बयां करूँ अपनी मन की चाह, कैस बयां करूँ अपनी विलास । अभिव्यक्ति का कच्चा मैं । अपने मन से बच्चा मैं । अपने आप में सिमटा हूँ । शब्दों में अटका हूँ । ढूंढ रहा प्रेम की व्याख्या, प्रेम की परिभाषा, रास की परिभाषा, कोई बताओ मुझे,  अपनों की बात नहीं,  प्रेम की दुहाई है, है दुहाई ।। Kavitarani1  75  

जो सुनी ना तुने / Jo suni na tune

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  Click here to see - Poem ' जो सुनी ना तूने ' जो सुनी ना तुने लब्ज ठहरे से लगते है।  रूकी सी लगती जिन्दगी । जो तुने ना सुनी, अनसुनी मेरी जिन्दगी।  और कहूँ किससे, कोई मन के पास नहीं।  ये तुझसे राजी है, तुझसे ही है रूठा भी। कहने को कुछ नहीं,  पर बातें है बहुत सारी। जो तुने सुनी तो आती, अनसुनी खो जाती कहीं।  एक अलग रिश्ता है तुझसे , ऐसी अपेक्षा किसी से नहीं।  जो रूठी है तु मुझसे, रूठी है जिन्दगी मुझसे। खुशियाँ अनजाने पास है, दुःख खोये रहते कहीं।  जो सुनी तुने मेरी, बातें जग जाती मेरी। हूँ नही बच्चा अब मैं,  बस नादानियाँ हो जाती। सामने तेरे आने से,  बचकानियाँ जग जाती है।  जो सुनी ना तुने, सब बातें अनसुनी रह जाती है।  लब्ज ठहर जाते है,  जिन्दगी रूठ जाती है।। Kavitarani1  107

छु कर तुझे | chhu kar tujhe

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Click here to see video: chhu kar tujhe   छु कर तुझे  समेट बैठा था अब तक जो, वही बात हो गई।  आँखो की मस्ती अब, सरे आम हो गई।  पास आई मेरे तुम, थोड़ी सी खास हो गई।  छुआ तुम्हे जो, एक सनसनाहट हो गई।  ठहरा कुछ पल और, धड़कने तेज हो गई। आँखे नशे में बंद और, मदहोशी छा गई।  मदहोश सा हुआ मैं,  और मदहोश रात हो गई।  छुकर तुझे आज तो, ये काया नई हो गई।  रूह की बात अब, रूह तक हो गई।  आज लगा मुझे की, नयी कहानी शुरू हो गई। नये अहसास मिले, नयी चाह हो गयी। छुकर तुझे लगा मुझे,  सनसनाहट हो गई।  छुकर तुझे,  नई आहट है गई।। Kavitarani1  100

तुझमें जहां मेरा | Tujhme jahan mera

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तुझमें जहान मेरा - विडिओ देखें   तुझमें जहां मेरा आ पास मेरे,  तेरे लब चुम लूँ।  बाँहो में कस तुझे, आँखे मूंद लूँ। ले चलूँ तुझे ख्वाबों के जहान में,  सुकून के दो पल तुझसे छिन लूँ।  सुलझाऊँ लट तेरी, गोदी में आँखे मूंद लूँ।  सुनूँ बस तेरी, तेरी ही तारीफें करूँ।  आ पास मेरे, तेरे गाल चूम लूँ।  खो जाऊँ तुझमें कहीं, तुझमें जहान ढूँढ लू।। देख तुझे खिलता है चेहरा मेरा। आँखों में चमक आती जब तुम होती सामनें।  हर एक पल खिलखिला उठता है मेरा । जब तुम मेरी बंदगी बन जाती हो। तुझसे जहाँ मेरा कैसे बताऊँ मैं।  तुझमें आसमान मेरा कैसा समझाऊँ मैं।  खुलकर उड़ना चाहूँ मैं।  होंसला तू मेरा कैसे बताऊँ मैं।  तुझमें जहाँ मेरा कैसे समझाऊँ मैं। । Kavitarani1  92

फिर से | Fir se

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Phir se - kavita यहाँ देखें   फिर से  फिर दिन बित गया, फिर शाम आई है,  फिर से एकान्त ने, परछाई दिखाई है। फिर याद करता हूँ,  मैं तुम्हें तरसता हूँ,  फिर दिन सुहाने भाये है,  फिर सपने तेरे आये है। फिर बात पुरानी हुई है,  फिर शाम हो आई है। फिर तेरे हाथ का खाना, और तेरी आवाज, और तेरा गाना,  फिर तेरी गोद मैं सिर, फिर तेरी ऊँगलियों के सिरे, मुझे याद आये है। मुझे अहसास कराते  है, तुम्हें पास बुलाते है, तेरी कमी खलती है,  तेरी बातें मलती है। मेरा मन मरता है,  तुझे याद करता है। फिर दिन भर कि थकान, और ये खाली मकान, वो धुप ढुँढती छाँव,  और बातों का अबांर, तुझे ढुंढते है। तुझे बुलाते है।  तुझे सोंचतें है। तेरी बातें करते है । तेरा खयाल करते है।  फिर वही सपने, फिर वही काम, फिर खुद को संभालना, फिर से अकेला रहना, कुछ कहना खुद सुनना, वही रोज की प्रार्थना, तेरे पास होने की याचना, फिर से दुर वहीं, फिर से सफर वही, फिर से तेरी बातें,  और ना हो सकी मुलाकातें  याद करनी है।  मुझे जीनी है। शाम काटनी है,  रात बाटनी है, अके...

सोनिया | Soniya

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  Soniya - video dekhe सोनिया  मेरे सोनिया मेरे हानियाँ,  कितना सोचूँ कितना कहुँ,  कितनी बातें तेरी करूँ,  कितने किस्से कितनी बातें,  कितना मैं सोंच रहा, मेरे सोनिया मेरे हानियाँ,  कैसा चेहरा कैसी बातें,  कैसा होगा साथ तेरा, सबसे कहूँ सबसे पूछूँ, तेरी बातें तेरी कहानियाँ,  ढुँढता शामें,  तेरी ही सारी जवानियाँ, याद करता मेरी हानियाँ,  मेरे सोनिया मेरे हानियाँ, कितने किस्से, कितनी कहानियाँ।  लब तेरे तेरा चेहरा, सोचता रहूँ जवानियाँ,  तेरी बातें तेरा चेहरा, कैसा होगा तेरा रूतबा, तेरी बातें तेरे किस्से, मेरे सोनिया मेरे हानियाँ।।  Kavitarani1  117

जो तु नहीं | Jo tum nhi

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  Jo tu nhi - kavita यहाँ देखें जो तु नहीं  अकेला हूँ कब से मैं, पर जो तुम रहे पास तो रहा अकेला नहीं । रहा हूँ उदास अक्सर मैं, पर तुम जो रहे साथ रहा उदास नहीं ।। खोया रहा कब से मैं, पर दिखे जो तुम तो कभी सोया नहीं । अधुरा रहा हूँ कब से मैं, पर जो है तुम आये पास रहा अकेला नहीं ।। तेरी याद आती है, मुझे सताती हैं । सपनों के शहर ले जाकर मुझे, मुझे ख्वाबों में ले जाती है । तेरी सूरत दिखती है  । तु ही तु जचती है । देखूँ जिधर तु दिखती ।  सोचूँ तुझे और तु याद आती है ।। खुश रहता हूँ मैं, पर जो तु नहीं जो खुश नहीं ।  हँसता रहता हूँ मैं, पर जो तु नहीं तो मुस्कान नहीं ।। मस्त रहता हूँ मैं, पर जो तु नहीं तो मौज नहीं ।  व्यस्त रहता हूँ मैं, पर जो तु नहीं तो कर्म नहीं ।। तेरी बातें अक्सर होती है । हर किसी से बहस यही होती है । चेहरा हर तुझसा दिखता है । मैं हँसता हूँ तो वो भी हँसता है । कहूँ कुछ उसे तो । तेरी ही बातें लगती है ।। शांत सा लगता हूँ मैं, पर जो तु नहीं तो मन शांत नहीं । प्रशांत सा लगता हूँ मैं, पर जो तु नहीं तो कुछ नहीं ।। सब कुछ अच्छा लगता है, पर जो तु नहीं तो ...

तुम याद करोगे / Tum yad karoge

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Tum Yad Karoge : video dekhe तुम याद करोगे चाहे जैसे हो, तुम बात करोगे । किसी से भी कहो, मेरी कहोगे । भूलने की कोशिश होगी । पर किस्से-कहानियों के साथ रखोगे । तुम मुझे याद करोगे ।। आएंगे दिन वो भी । मैं पराया होऊंगा, होगी पराई तुम भी । जैसे मिट गये यार पुराने सारे । मुझ से भी मिट जायेंगे याराने । नये किस्से - कहानियाँ होंगी । पर कभी कहीं जो पलट कर देखोगे । मेरे लब्जों को याद करोगे । मुझे तुम याद करोगे ।। अच्छा किरदार रहा, कदर ना की । मौका मिला था, खुलकर बात ना की । साथ मांगा साथ ना दिया । मैने उसे छिड़क कर छोड़ दिया । दिया ना भाव कभी । ऐसे ही मेरी बात करोगे । तुम मुझे कभी जो याद करोगे ।। जीवन सफर में सफर किया है । सबसे सिखा सिख बता रहा है । मन मेरा कह रहा है । चल रही है बातें कई । कई चहरे सामने खैल रहे है । मैं उन्हें याद रखुगाँ । मैं भी खैला बात करके जो, मुझे तुम याद रखोगे ।। कौन था जीवन सफर में अलग मिला? जब जब भी ये बात होगी । या मुझ जैसे से मुलाकात होगी । तुम मुझे याद करोगे ।। Kavitarani1  110

मन का मैला / Man ka maila

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Man ka maila main - video dekhe मन का मैला  मन का साफ मैं,  रहना चाहूँ पाक मैं । पर नापाक हरकतें उकसाती है,  कुछ लोगों की आदतें डराती है । हूँ अन्दर से मैं भी खराब । खुद पर काबू रख ना पाता आज । हवाओं से ठिठूर जाता हूँ । धूप में रूखा हो जाता हूँ । है छाँव पसंद मुझे पर गंद ना भाती । सुगंध की अधिकता बोंहे सिकुड़ाती । सुन्दर रहना ही चाहूँ मैं । अतिशयोक्ति और दोहरान सुन चिढ़ जाऊँ मैं । मैं सुनता सबकी आम बात । साफ शब्द ही कहना चाहूँ मैं । मैं रहना चाहूँ  साफ,  रहना चाहूँ पाक ।। कदर ढूँढ रहा, बिछोने मैले है । रोटी बेले तो काले - काले घेरे है । आस पास लोग मटमैले है । जो कोई देखे सोचें सुने मेरी पहले रे । बस हँसमुख रूप देख आते । पैसे सोंच देख इठलाते । पास आकर सोंचे ये ठेला है । मन का खाली और मैला है । अब साफ लब्ज कहे तो सुनता नहीं । ये जग है चुप रहे तो रहने देता नहीं । मैं भी आगे बढ़ना चाहूँ । इस जग में खुश रहना चाहूँ । रहना चाहूँ मैं मन का साफ । रहना चाहूँ भरापुरा और पाक ।। Kavitarani1  111

तुम बङी प्यारी हो | Tum badi pyari ho

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Tum badi pyari ho - See video तुम बङी प्यारी हो हॅसता चेहरा तेरा बड़ा प्यारा लगता, अदाओं पर तेरी मन लगता । हॅसी तेरी सबसे प्यारी । अच्छी लगती मुझे तेरी यारी । मासूमियत तुम बनाये रखती । नखरे कर बड़ी जमती । गुणवान भी हो कलाकार भी तुम । मुस्कान में बङी प्यारी लगती हो तुम । देख तुझे सारी थकान मिट जाती है । प्यारी सुरत मेरे सारे गम भूलाती है । मुकाम पर जाने की हिम्मत आती है । तुझे देख जिन्दगी बढ़ जाती है ।। खुब हो तुम, खुबसुरत भी । आदाऐं तुम्हारी जान लेवा सी । तुम्हारी बातें अक्सर याद रहती है । हॅसी तेरी मन पर बनी रहती है । रिश्ता नहीं बस खास हो तुम । मेरी चाहत सी मेरी आस है तुम ।। तुम्हारा बोलना बङा सयाना लगता है । यादों में बसा घराना लगता है । खुश रहो तुम जैसे खुशी देती हो । सुलझे विचारों से सुलझा देती हो  ।। Kavitarani1  112

प्रपोज करें | Propose karen

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Propose करें- video dekhe प्रपोज करें  एक परपंज से जी रहे क्या परपोज करें । अपने काम में उलझे क्या प्रपोज करें । शुरूवात करें फिर से, नये दिन की बात करें । नव यौवन अब बस का नहीं, फिर क्यों इस पर बात करें ।। जीवन की दौड़ में मन को प्रपोज करें । सपनों को अपने जीवन के लिए प्रपोज करें । आशाओं को चादर बना वजूद को प्रपोज करें । साहस को मन पर राज करने को प्रपोज करें  ।। कोई खास मिले जैरी सा तो खुद को टाॅम करें । शरद चाँदनी दिखे कहीं तो खुद को चाॅद करें । रांझा बनना मुमकिन नहीं ना रोमियों सा नाम करें । प्रेम की मिठास घोले कोई उसको प्रपोज करें ।। जीवन ढगर आसान नहीं, और ना मुश्किल करें । सपनों की मंजिल मिली नहीं इसको प्रपोज करें । पाकर रहे उस मुकाम को बस यही रोज कहें । अपनी सफलता को पायें ऐसी उम्मीदों को प्रपोज करें ।। वार्षिक प्रमोत्सव का आनन्द का प्रपोज करें । किसी को खुशियाँ देने के लिए प्रपोज करें । मधुर संबंध रहे दरमियाँ जब तक साथ रहे । आनन्द की बिसाद का सबको प्रपोज करें ।। प्रेम मन पर आच्छादित है तो ही प्रेम प्रपोज करें । साथ मिलकर अच्छा लगे तो ही प्रपोज करें । लम्हे सजे लगे, सहज ...

हैप्पी रोज डे / happy rose day

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  Happy rose 🌹 day- Listen poem here हैप्पी रोज डे  रोज मनतें है दिन मेरे , सुबह उठनें, खाना बनाने, काम पर जाने के होते, मन्डे, ट्यूज डे, वेडनेसडे, थर्स डे, फ्राई डे, सटर डे मेरे । एक सन्डे मनता आर से बस, बस और डे याद आते नहीं है । हाँ, इंडिपेडेन्स डे और रिपब्लिक डे पर जोश जरूर आता है, उसके बाद बस साल गुजरता याद आता है । देख आज स्टेट्स एक ओर दिन याद आता है । रोज डे निकलते आया रोज डे समझ नी आया । हाँ पर एक जैरी को कह के आजमाया । अच्छा है कई दिनों बाद छेढ़ने का मौका आया । खास है कोई तो जो सुनता है पहचान पाया । रोज डे का पता नहीं पर सन्डे ताजा हो आया । सुबह की शुरूआत से ही जीवन मुस्कुराया  । किस -  किस को विश करते पता नहीं । अहसास क्या रखते पता नहीं  । पर कहते प्रेम से इतना समझ आया । हैप्पी नेस, फ्रेशनेश, ब्युटीनेस, फ्रेगरेंस का प्रतीक जान । आशाओं और शुभकामनाओं को एकन्तित कर, किसी को हेप्पी रोज डे कहने को जो मन में आया, इस साल और कोई कहाँ बस एक जैरी को पाया. Happy rose day हे री ! 🌹 💐 🏵 🥀 🌹  Kavitarani1  114

तुम्ही मेरा रोज़ हो, tumhi mera rose ho

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Tumhi mera rose 🌹 ho : video dekhe   तुम्ही मेरा रोज़ हो  महक जाता हूँ तुम्हारे पास होने से, खिल जाता हूँ तुम्हारे पास होने से,  अभी कलि ही हूँ मैं, तुम्हें देख फुल बन जाता हूँ मैं । ये मौसम मुझे झकझोर देते हैं, गर्मीयाँ सुखाना चाहती है तो, सर्दियाँ सर्दी से जलाना चाहती है, पर देखता हूँ जब तुम्हें, या जब तुम पास होती हो, जान आ जाती है मुझमें फिर, फिर से ताजगी छा जाती है । खिलता है जय देख मुझे, जैसे मैं खिलता हूँ देख तुम्हें, मैं गुलाब बन जाता हूँ, जब तुम्ही मेरा रोज हो । मैं जिंक्र करता हूँ अपनी बगीया की, मैं फिक्र करता हूँ फूलों की, पर फुल सबसे प्यारा गुलाब लगता है, और तुम्ही तो पता ही है, तुम्ही मेरा रोज हो ।। Kavitarani1  113

तारे गिन रहा हूँ | Tare gin rha hun

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Main tare ginta - video dekhe   तारे गिन रहा हूँ   खुले आसमान के तले, बैठ अकेले, अपने कल के सपने चुन रहा हूँ  । मैं काली रात में, अकेले में, अपने सपने बुन रहा हूँ । मैं तारे गिन रहा हूँ । एक छोर से शुरू, दुजे छोर पर खत्म करता, मैं उलझनों में उलझ रहा हूँ, गिनती अधूरी रहती, अधुरे सपने बुन रहा हूँ, काले आसमान में, चमकते, बुझते तारे गिन रहा हूँ, मैं सपने बुन रहा हूँ । कोई आये सुन मुझसे, कैसे रहे अकेले में दिन मेरे, अकेलेपन के ख्वाब सहेज रहा हूँ, मैं अकेले में, अपने सपनेे चुन रहा हूँ । खुले आसमान के तले, तारे गिन रहा हूँ  ।। Kavitarani1  51

मैं और मकान वाले | main aor makan vale

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  Main aor makan vale - kavita dekhe aor sune मैं और मकान वाले  वो मकान के मालिक है, बुड़े बा कठोर से, और माँ विनम्र से है। पाँच महिने हो गये आये यहाँ, संकोच, शर्म, प्रेम और विश्वास से रहा यहाँ । बा जहाँ मेरे दादाजी के जैसे पैसो से और बातों से जुड़े है । वैसे ही माँ मेरी दादी सी देखभाल करने वाली और हिम्मत देने वाली है । कोई परेशानी आयी नहीं रहने में । कोई शिकायत आने दी नहीं मैंने ।। इनके लङके बाहर ही रहते हैं,  छोटा वाला मंगलूर कर्नाटक से कल ही आया है । पहली मुलाकात में कठोर फिर नम्रता दिखाता है, छत का नल ठीक किया कुछ बातें की, उनकी पत्नी सीधी, सादी, गाँव की ईमानदार, मिलनसार है ।  सफाई की छत की साथ मिलकर एक दिन हमने ।। अब परिवार के साथ यहीं रहने वो आ गये । उनकी पोती अच्छी सहयोगी रही मेरी, धीरज वो साथ लाये, समझ उनमें खुब रही, कभी - कभार स्कूल से आते जाते बच्चों से बातें होती, इन भाइसाहब ने ऊपर रहने की अब आज्ञा दे दी । मकान बदलने की सोंच रहा था पर अभी यहीं रह रहा ।। शुरू में संदेह लग रहा था, पर समझ मुझे यहीं रहने की कहा । कुछ दिन अकेले गुजरे थे यहाँ मेरे, अब मेरे नम्बर...

कट जाने है दिन, cut jane hai din

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  कट जाने है ये दिन- विडिओ देखे कट जाने है दिन  ढलती जाती उम्र ऐसे, जैसे बहता नदियाँ का पानी । बढ़ती जा रही यादें, जैसे फैला सागर का पानी ।। दूर - दूर तक दिखता नहीं, दिखता ना कोई छोर । ठोर ढूंढ रहा हूँ जग मैं, मिलता ना कोई ठोर ।। कट जाने है दिन महिने, कट जानी है जिन्दगी । कहते रहते, सुनते - रहते, होनी क्या कहानी ।। ऐसे रह - रह अकेला रहा ना बाकि । कट जाने है साल सारे, कट जाने है दिन ।। रह जाने है किस्से सारे, और हिस्से मेरे ये दिन । याद करूगाँ बैठ अकेले, कहता रहूगाँ ये बाते गीन गीन ।। सपनों में होंगी बाते फिर, सपनों में ये दिन । यादों में होंगे किस्से सारे, यादों में होंगे ये दिन ।। कभी - कभी तो मुश्किल था, कभी मौज थी दिवानी । कभी अपनी ही थी जिन्दगी, कभी रही बेगानी ।। आते - जाते लोग मिले, मिले अनजाने कई । कुछ ही अब साथ रहे, बाकि रह गये सयाने कई ।। भूल गया मैं दिन सारे, भूल गया बातें । यादों में जो था बाकि रहा, रह गयी किस्सों की यादें ।। यादों के पल याद करते जाएंगे । जैसे कट गयी उम्र ये,  दिन ये कट जाएंगे ।। कट जाने है दिन ये सारे, कट जानी है यादें । रह जानी है उम्र भर की, ...

सफर जिन्दगी का चल रहा है / safar zindagi ka chal rha hai

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Safar zindagi ka chal rha hai - video dekhe   सफर जिन्दगी का चल रहा है  सफर जिन्दगी का कट रहा है। लोगों से मिलते हुए दिन - दिन कट रहा है । काम का बोझ नही, काम ही बोझ हो रहा है। जिन्दगी सवारनी है और मूर्खों में दिन बट रहा है । सफ़र जिन्दगी का चल रहा है।। क्या कहें उन्हें जो खुब भटके हुए हैं । और उन्हे जो अहम् में यहीं अटके हुए हैं । वो जो खुद से ज्यादा किसी को कुछ नहीं समझते । उन मूर्खों और लोमडियों में दिन कट रहा है । सफ़र जिन्दगी का चल रहा है।। सफर जिन्दगी का बुरा भी नहीं । कुछ लोग मिल रहे अच्छे बहुत अच्छे भी । पर काम समझ कर ज्ञान से हट रहें हैं । किताबों के आगे दिन गुजर रहे और कट रहे है । और सफ़र जिन्दगी का चल रहा है।। समझ जिन्हे अभी आनी बाकि है । समझदारी का तिलक लगा शैखी मार रहे हैं । कुछ अपनी होंशियारी मैं मर रहे हैं । कुछ दुसरों का समय खा रहें हैं । और सफ़र जिन्दगी का चल रहा है।। छोड़ सबको अपने हाल पर मैं । अपने रास्ते पर चल रहा हूँ । सफर जिन्दगी का जो दे रहा है । वो खुशी हो या गम ले रहा हूँ । ऐसे ही सफर जिन्दगी का कट रहा है । मैं अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा हूँ । सफ़र जिन्द...

दिया जले / diya jale

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दिया जले - विडिओ देखे   दिया जले  दिया जले की, बाती जले । रिसता तेल कहे, मेरी उम्र ढले । कम होती बाती कहे, दीप जले । कम होता तेल कहे , दीप जले । रोशन जग कहे, लो जले । ऊँची लपटे कहे, ज्वाला जले ।। देख पतंगा दौड़, उढ़ - उड़ जले । लो में जले, दीप में जले । बुझता जाता कभी तेल चढ़े । बुझती लो पर कभी बाती जड़े । कटती घडियाँ, दिन बढ़े - रात बढ़े ।। महंत कहे, कब दीप जले । रात काली रोशन कहे, दीप जले । धूप - दुपहर रवि तेज है । बुझता दिया कहे बाती घटे । बुझा दिया कभी तेल घटे । अपने - अपने राग कहे । दिया जले की बाती जले । Kavitarani1  14