नया सवेरा चाहिए | Naya savera

Naya savera chahiye- click here to see video नया सवेरा चाहिए साल बित गये ऐसे ही रहते - रहते, अब कुछ बदलाव चाहिए । बहुत सोचता हूँ मैं ऐसे तो, पर कुछ सच में बदलना चाहिए । कड़ी धुप सह लूगाँ मैं, बस ये अँधेरा हटना चाहिए । यूँ तो खुब हिम्मत रखता हूँ, पर अब कोई हमसफ़र साथ चाहिए । पथरीले रास्तों पर चल लूँगा मैं, बस राह दिखनी चाहिए । मंजिल का कोई मोह नहीं मुझे, बस मुकाम पर मन संतुष्ट होना चाहिए । बरस बीत गये आस लगाये, अब कुछ परिवर्तन होना चाहिए । खुब जी लिए एकान्त में रहकर, अब भीड़ होनी चाहिए । जी घबराता है शांति में अब, नये सवेरे संग अब शौर चाहिए । कुछ ज्यादा मांगा नहीं मैंने, बस ये अँधेरा मिटना चाहिए । अब नया सवेरा चाहिए, अँधेरा मिटना चाहिए ।। Kavitarani1 162